
देहरादून, 6 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) बच्चों की सुरक्षा और जनस्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए पूरे राज्य में प्रतिबंधित और संदिग्ध कफ सिरप की बिक्री एवं वितरण के खिलाफ सघन अभियान चला रहा है। प्रदेशभर में ताबड़तोड़ कार्रवाई के दौरान 63 औषधियों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।
सोमवार को एफडीए मुख्यालय पर अपर आयुक्त व ड्रग कंट्रोलर (एफडीए) ताजवर सिंह जग्गी ने पत्रकार वार्ता में संदिग्ध औषधियों की जांच, सैंपलिंग और बाजार नियंत्रण की वर्तमान स्थिति पर जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप के सेवन से बच्चों के बीमार होने अथथा माैत की घटनाओं के बाद उत्तराखंड सरकार ने यह कदम एहतियातन और जनहित में उठाया है। यह अभियान पूरी संवेदनशीलता के साथ प्रदेश के हर जिले में चलाया जा रहा है, ताकि किसी भी स्थिति में बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। विभिन्न मेडिकल स्टोर्स, थोक विक्रेताओं और अस्पतालों की औषधि दुकानों से सैंपल एकत्र कर उन्हें परीक्षण के लिए प्रयोगशालाओं को भेजा जा रहा है।
अपर आयुक्त व ड्रग कंट्रोलर ने बताया कि प्रदेश के सभी जनपदों में औषधि नियंत्रण अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे सीएफटीओ, मेडिकल स्टोर्स, थोक विक्रेताओं और अस्पतालों की औषधि दुकानों से कफ सिरप के नमूने एकत्र करें और परीक्षण के लिए अधिकृत प्रयोगशालाओं को भेजें। उन्होंने कहा कि निर्माण कंपनियों से भी कच्चे माल जैसे पॉलीइथिलीन ग्लाइकॉल, सॉर्बिटॉल और अन्य रासायनिक तत्वों के सैंपल लेकर गुणवत्ता जांच की जा रही है ताकि उत्पादन स्तर पर भी किसी प्रकार की कमी या गड़बड़ी की संभावना समाप्त की जा सके। अब तक प्रदेशभर में 63 औषधियों के नमूने एकत्र किए जा चुके हैं, जिनकी जांच प्रक्रिया जारी है। विभाग की ओर से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
बिना डॉक्टर परामर्श बच्चों को न दें दवा
अपर आयुक्त व ड्रग कंट्रोलर ने आम जनता से अपील की कि वे बिना चिकित्सक की सलाह के बच्चों को कोई भी कफ सिरप या औषधि न दें। बच्चों के स्वास्थ्य से किसी भी तरह का जोखिम न लिया जाए। यदि बच्चे में सर्दी, खांसी या बुखार जैसे लक्षण दिखाई दें, तो केवल योग्य चिकित्सक से परामर्श लेकर ही दवा दें। विभागीय टीमें इस अभियान की सतत निगरानी कर रही हैं और प्रत्येक जिले में औषधि दुकानों व थोक विक्रेताओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
अपर आयुक्त ने यह भी बताया कि आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ. आर. राजेश कुमार ने सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि केंद्र सरकार की एडवाइजरी को तत्काल प्रभाव से लागू कराया जाए। साथ ही औषधि दुकानों और निर्माण इकाइयों की नियमित निगरानी सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं।
खुली और पुरानी दवाइयां बच्चों को न दें
अपर आयुक्त एवं ड्रग कंट्रोलर ने आम जनता से अपील की है कि अपने घरों में पहले से खुली हुई कफ सिरप या किसी भी प्रकार की दवाई बच्चों को बिल्कुल न दें। कई बार पुरानी या खुली दवाइयां अपनी प्रभावशीलता खो देती हैं और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं। इसलिए ऐसी किसी भी खुली बोतल या अधूरी दवाई को सुरक्षित तरीके से नष्ट करें और घर में दवाइयां खुले रूप में न रखें। उन्होंने आम लोगों से आग्रह किया कि दवाइयां केवल चिकित्सक की सलाह पर ही उपयोग करें और हर दवा की एक्सपायरी डेट अवश्य जांचें, ताकि किसी प्रकार की अनचाही स्वास्थ्य समस्या से बचा जा सके।
दीपावली से पहले खाद्य पदार्थों पर भी सख्त निगरानी
राज्य में दवाइयों के साथ ही खाद्य पदार्थों में मिलावट के खिलाफ निरीक्षण और सैंपलिंग अभियान भी तेजी से चलाया जा रहा है। दीपावली पर्व को देखते हुए विभाग ने विशेष अभियान शुरू किया है, जिसके तहत राज्य की सीमाओं पर निगरानी बढ़ाई गई है, और मिठाइयों व खाद्य पदार्थों के सैंपल लेकर जांच की जा रही है। त्योहारों के समय मिलावटखोरी पर अंकुश लगाना हमारी प्राथमिकता है। विभाग की टीमें फील्ड में सक्रिय हैं और दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार
