
ऊना, 06 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । हिमाचल प्रदेश सरकार के औद्योगिक विभाग द्वारा जिला ग्रामीण विकास अभिकरण ऊना में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य राज्य में एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ बनाना, प्रौद्योगिकी अपनाने को प्रोत्साहित करना, प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता में वृद्धि करना तथा सतत औद्योगिक प्रथाओं को बढ़ावा देना था। कार्यशाला में ऊना जिले के 65 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया जिनमें औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधि, स्थानीय कारीगर तथा किसान उत्पादक संगठनों के सदस्य शामिल थे। प्रतिभागियों में औद्योगिक क्षेत्र गगरेट के अध्यक्ष प्रमोद और महासचिव सुरेश भी उपस्थित रहे।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए औद्योगिक विभाग ऊना के महाप्रबंधक रचित शर्मा ने बताया कि विभाग द्वारा क्लस्टर प्रणाली के अंतर्गत उद्यमों को उन्नत तकनीक, आधुनिक मशीनरी एवं उपकरण क्लस्टर स्तर पर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। यह सुविधाएं क्लस्टर विकास कार्यक्रम के तहत प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने एमएसएमई हरितीकरण पहल की जानकारी देते हुए पर्यावरण-अनुकूल औद्योगिक प्रक्रियाओं को अपनाने एवं ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के दौरान विभागीय अधिकारियों ने प्रतिभागियों को स्पाइस योजना, गिफ्ट योजना, तथा एमएसई-सीडीपी के विभिन्न घटकों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। इसके साथ ही एमएसएमई प्रदर्शन सुधार योजना, क्लस्टर-आधारित विकास एवं सर्कुलर अर्थव्यवस्था पर आधारित उद्योगों के हरितीकरण की रणनीतियों पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
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(Udaipur Kiran) / विकास कौंडल
