Uttrakhand

उत्तराखंड के 211 सहकारी समितियों में मंडुवा की खरीद शुरू, 50 हजार कुंतल का लक्ष्य

मंत्री धन सिंह रावत फाइल चित्र।

-मिलेट मिशन से किसानों की आय में होगी वृद्धि,लोगों को मिलेगा पौष्टिक आहार: मंत्री धन सिंह

देहरादून, 6 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उत्तराखंड सरकार 211 सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों से 48.86 रुपये प्रतिकिलो के समर्थन मूल्य पर मंडुवे की खरीद कर रही है। इस वर्ष राज्य सहकारी संघ ने 50 हजार कुंतल का लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकार के इस निर्णय से जहां किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी, वहीं लोगों को पौष्टिक व स्वास्थ्यवर्धक आहार भी मिलेगा।

सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने सोमवार को बताया कि उत्तराखंड के ऑर्गेनिक मिलेट्स की मांग आज अन्य राज्यों और विदेशों में तेजी से बढ़ रही है। आने वाले समय में उत्तराखंड के पहाड़ी उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी पहचान बनाएंगे। राज्य में मिलेट मिशन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। इस मिशन के तहत सरकार ने मंडुवा व अन्य मिलेट्स को लोगों की थाली तक पहुंचाने और किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर कई निर्णय लिए हैं। इसी के तहत सरकार अब सीधे किसानों से मंडुवा की खरीद कर रही है। इसके लिए सरकार ने मंडुवा का समर्थन मूल्य घोषित कर 48.86 रुपये प्रतिकिलो तय किया है।

मंत्री ने बताया कि मंडुवे की खरीद प्रदेशभर की 211समितियों के माध्यम से किया जाएगा। जिसमें अल्मोड़ा में 43, चमोली 22, बागेश्वर 13,उत्तरकाशी 13,पौड़ी 17,पिथौरागढ़ 24,टिहरी 30,रुद्रप्रयाग 10,नैनीताल 17 और देहरादून में 3 केंद्र स्थापित किए गए हैं।

मंत्री ने बताया कि पिछले वर्ष प्रदेश भर के 10,000 किसानों से 31,640 कुंतल मंडुवा की खरीद 42.90 रुपये प्रति किलो की दर से की गई थी। इस वर्ष 50,000 कुंतल का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 19,000 कुंतल अधिक है।

मंत्री ने कहा कि “हमारा उद्देश्य है कि मोटा अनाज मंडुवा जैसे पौष्टिक उत्पादों के माध्यम से उत्तराखंड का किसान अपनी आय में वृद्धि करे और उसका यह उत्पाद लोकल से ग्लोबल स्तर तक पहुंचे। राज्य सहकारी संघ के माध्यम से हम मिलेट्स एवं पहाड़ी उत्पादों की ब्रांडिंग कर उन्हें वैश्विक बाजार तक पहुंचाने जा रहे हैं। इसके लिए रोडमैप और बिजनेस प्लान तैयार किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि मंडुवे की खरीद सबसे पहले 18 रुपये प्रति किलो की गई जो आज बढ़कर 48.86 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुकी है।

1 अक्टूबर से मिलेट्स की खरीद शुरू:

राज्य सहकारी संघ के प्रबंध निदेशक आनंद शुक्ला ने बताया कि 1 अक्टूबर से मिलेट्स की खरीद शुरू हो गई है ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी समितियां और सोशल मीडिया के माध्यम से मिलेट्स की खरीद को लेकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में अब किसान स्वयं जागरूक हो गए है और वह स्वयं दूरभाष के माध्यम से संपर्क बनाए हुए हैं। इस वर्ष क्रय कद्र में प्रति कुंतल 4886 रुपये की दर से मंडुवा खरीदा जा रहा है और प्रत्येक कुंतल पर 100 रुपये अतिरिक्त समिति को प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जा रहे हैं। यदि आवश्यकता हुई तो और अधिक क्रय केंद्र स्थापित किए जाएंगे ताकि किसान अपने नजदीकी केंद्रों पर ही मंडुवा बेच सकें।

उन्होंने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों की जलवायु में आसानी से उगने वाला यह अनाज मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखता है,कम पानी मांगता है और रासायनिक खादों की जरूरत नहीं होती। यानी यह पूरी तरह ऑर्गेनिक और पर्यावरण-संवेदनशील फसल है।

विश्व स्वास्थ्य संगठनों के अनुसार,मंडुवा कैल्शियम,आयरन,प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होता है। यह न केवल मधुमेह और हृदय रोगियों के लिए लाभकारी है,बल्कि ग्लूटेन-फ्री होने के कारण शहरी बाजारों में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। पिछले दो वर्षों में,सहकारी समितियों और राज्य सहकारी संघ के प्रयासों से मंडुवा की खेती में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। इससे जहां किसानों की आमदनी दोगुनी हो रही है, वहीं पहाड़ों में पलायन रुकने की दिशा में भी यह एक महत्वपूर्ण कदम बन गया है।

(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

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