
लखनऊ, 6 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उत्तर प्रदेश महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह (3 से 11 अक्टूबर) थीम के तहत सोमवार को प्रदेश की सभी बाल देखरेख संस्थाओं में विशेष सेल्फ डिफेंस कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। इस पहल का उद्देश्य संस्थाओं में रह रही बालिकाओं को आत्मरक्षा के व्यावहारिक कौशल सिखाना और उनमें आत्मविश्वास तथा सुरक्षा की भावना को मजबूत करना रहा।
कार्यशालाओं के दौरान प्रशिक्षकों ने बालिकाओं को विभिन्न प्रकार की सरल और प्रभावी आत्मरक्षा तकनीकें सिखाईं। इनमें ऐसे उपायों पर विशेष बल दिया गया जिन्हें किसी भी संकटपूर्ण स्थिति में तुरंत अपनाकर स्वयं की रक्षा की जा सके। इसके साथ ही मानसिक साहस, सजगता और त्वरित प्रतिक्रिया की क्षमता विकसित करने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। बालिकाओं ने सक्रिय भागीदारी करते हुए सीखा कि कठिन परिस्थितियों में घबराने के बजाए साहस और आत्मविश्वास के साथ कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए।
इन कार्यशालाओं का महत्व केवल शारीरिक सुरक्षा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह आत्मसम्मान, आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास को बढाने का माध्यम भी बना। बालिकाओं को यह संदेश दिया गया कि वे स्वयं को कमजोर न समझें और अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखते हुए जीवन में आगे बढ़ें।
उत्तर प्रदेश महिला एवं बाल विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव लीना जाैहरी ने कहा कि बाल देखरेख संस्थाओं में आवासित बालिकाएं पूर्व में ही विपरीत परिस्थितियों का सामना कर चुकी हैं, उन्हें आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देना केवल सुरक्षा का कवच प्रदान करना नहीं है बल्कि उनके मनोबल और आत्मविश्वास को वापस बढ़ाना भी है। मिशन शक्ति का यही लक्ष्य है कि हर बालिका निर्भय होकर अपने सपनों की ओर बढ़ सके। इन कार्यशालाओं ने यह स्पष्ट किया कि आत्मरक्षा की कला बालिकाओं के जीवन में सुरक्षा कवच की तरह कार्य करती है। मिशन शक्ति के इस प्रयास से बाल देखरेख संस्थाओं की बालिकाओं में आत्मबल और साहस का विकास होगा तथा उनकी सुरक्षा को और अधिक सशक्त आधार मिलेगा।
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(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
