
सोनीपत, 6 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । दीनबंधु
छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल में कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग
विभाग द्वारा सोमवार को कोडिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में 55 टीमों ने
भाग लेकर अपनी तकनीकी दक्षता और नवाचार क्षमता का प्रदर्शन किया।
विश्वविद्यालय
के कुलगुरु प्रो. प्रकाश सिंह ने कहा कि कोडिंग सिर्फ कंप्यूटर की भाषा नहीं, बल्कि
आने वाले भविष्य की पहचान बन चुकी है। जैसे पढ़ना-लिखना साक्षरता की निशानी माना जाता
है, उसी तरह कोडिंग अब डिजिटल युग की नई साक्षरता बन रही है। उन्होंने कहा कि युवा
कोडिंग के माध्यम से न केवल कंप्यूटर को निर्देश देना सीखते हैं, बल्कि अपनी कल्पनाओं
को हकीकत में बदलते हैं।
उन्होंने
कहा कि स्कूलों में अब शुरुआती कक्षाओं से कोडिंग सिखाई जा रही है, जिससे बच्चों में
तार्किक सोच, रचनात्मकता और समस्या समाधान की क्षमता बढ़ रही है। अनेक विद्यार्थी अपनी
कोडिंग कुशलता से ऐप और गेम बना रहे हैं। आईटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में
कोडिंग सबसे प्रभावी हथियार बन चुकी है। जिनके पास यह कौशल होगा, वही भविष्य में अग्रणी
रहेंगे।
कुलगुरु
ने विद्यार्थियों से कहा कि कोडिंग उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगी और उनके सपनों को साकार
करने में मदद करेगी। विभागाध्यक्ष
प्रो. डॉ. सुखदीप सिंह ने विजेताओं को सम्मानित करते हुए कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताएं
विद्यार्थियों के आत्मविश्वास को बढ़ाती हैं और उन्हें नई तकनीकी चुनौतियों के लिए
तैयार करती हैं। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अजमेर सिंह और डॉ. नीतु वर्मा रहे।
—————
(Udaipur Kiran) शर्मा परवाना
