
कोकराझार (असम), 6 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । जिला आयुक्त कार्यालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में आज आदि कर्मयोगी अभियान- रेस्पॉन्सिव गवर्नेंस प्रोग्राम के अंतर्गत जिला अभिमुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह पहल आदिवासी क्षेत्रों में संस्थानों और व्यक्तियों को सशक्त बनाकर जनसेवा वितरण को बेहतर बनाने तथा सहभागी शासन को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध परिवर्तनकारी नेतृत्व तैयार करने पर केंद्रित है।
कार्यक्रम में कोकराझार के एडीसी शुभ्रम आदित्य बोरा, परबतझोड़ा एसडीओ (सी) इंचार्ज एडीसी लौरेम्बम नेल्सन मांगंगचा सहित विभिन्न प्रमुख विभागों के अधिकारी एवं जिला मास्टर ट्रेनर उपस्थित रहे। चर्चा में शासन की क्षमता बढ़ाने, स्थानीय आवश्यकताओं को योजना निर्माण में शामिल करने और विभागीय समन्वय के जरिए समग्र आदिवासी विकास को गति देने पर जोर दिया गया। साथ ही बाल विवाह, डायन प्रथा और दहेज जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ एकीकृत जनजागरूकता अभियान चलाने और विभागीय पहुंच बढ़ाने के सुझाव भी सामने आए।
अभियान के तहत 7 से 9 अक्टूबर तक जिला प्रक्रिया प्रयोगशाला (डीपीएल) का आयोजन जिला निर्वाचन शाखा के कॉन्फ्रेंस हॉल में किया जाएगा।
विशेष रूप से कोकराझार में अभियान के अंतर्गत ट्रांसैक्ट वॉक, सोशल मैपिंग और विज़न बिल्डिंग जैसी सहभागी गतिविधियां आयोजित होंगी। इनसे ग्रामीण समुदाय अपनी स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका और आधारभूत संरचना से जुड़ी मुख्य आवश्यकताओं की पहचान करेंगे, जिसके आधार पर गांव कार्ययोजना 2030 तैयार की जाएगी। यह योजना सामूहिक आकांक्षाओं को ठोस विकास लक्ष्यों में बदलकर, निर्धारित समयसीमा और विभागीय सहयोग के साथ लागू की जाएगी।
इसके अलावा आदि सेवा केंद्रों के माध्यम से सतत सामुदायिक सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी, जो शिकायत निवारण, जागरूकता निर्माण और विकास योजनाओं के समन्वय का मंच बनेंगे।
जिला प्रशासन ने यह संकल्प दोहराया है कि कोकराझार मॉडल को आदि कर्मयोगी अभियान के तहत उत्तरदायी और सहभागी शासन का आदर्श उदाहरण बनाया जाएगा, जो विकसित भारत के राष्ट्रीय विज़न में आदिवासी परिवर्तन के माध्यम से योगदान देगा।
(Udaipur Kiran) / किशोर मिश्रा
