Uttrakhand

हिमालय की भू-गतिकीय उत्क्रांति पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल रहे देश-विदेश के वैज्ञानिक एवं िविद्वान।

-सम्मेलन में इटली, अमेरिका, नेपाल व भारत के वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और विद्वानों ने लिया भाग

नैनीताल, 6 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । कुमाऊँ विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग एवं जियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया, बेंगलुरु के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को विश्वविद्यालय के हरमिटेज भवन स्थित देवदार सभागार में “हिमालय की भू-गतिकीय उत्क्रांति: क्रिस्टल संरचना, जलवायु, संसाधन एवं आपदा” विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारम्भ हुआ। सम्मेलन में इटली, अमेरिका, नेपाल व भारत के वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और विद्वानों ने भाग लिया।

अनुसंधान राष्ट्रीय प्रतिष्ठान, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, सीएसआईआर-एनजीआरआई, एनसीईएसएस और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय सहित कई संस्थानों के सहयोग से आयोजित सम्मेलन में मुख्य अतिथि पद्मश्री प्रो. हर्ष के गुप्ता ने उद्घाटन व्याख्यान में हिमालयी क्षेत्र में भूकंप की प्रवृत्तियों, तीव्रता और संभावित खतरों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भूकंपों के साथ जीना सीखना होगा। उन्होंने हिमालय से संबंधित पाँच प्रमुख शोध विषय सुझाते हुए फरवरी-मार्च 2026 तक इन पर विशेषांक प्रकाशित करने का प्रस्ताव रखा।

विशिष्ट अतिथि डॉ. वीके गहलौत ने हिमालयी भूगतिकी और जलवायु परिवर्तनशीलताओं के परस्पर संबंधों पर चर्चा की, वहीं इटली के प्रो. रोडोल्फो कारोसी ने हिमालय के अध्ययन को वैश्विक दृष्टि से पृथ्वी की संरचनात्मक प्रक्रियाओं को समझने के लिए आवश्यक बताया।

कुलपति प्रो. दीवान रावत ने सम्मेलन को वैज्ञानिक सहयोग और नवाचार का सशक्त मंच बताते हुए भूविज्ञान विभाग की उपलब्धियों की सराहना की। सह-संयोजक प्रो. राजीव उपाध्याय ने विभाग की शोध गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम का संचालन प्रो. दिव्या उपाध्याय जोशी ने किया । सम्मेलन में डॉ. रीतेश साह प्रो. चित्रा पांडे, प्रो. ललित तिवारी, प्रो. एनवी चेलापति राव, प्रो. एके जैन, प्रो. जीएम भट्ट, प्रो. डीसी श्रीवास्तव, प्रो. कविराज पौड्याल, प्रो. अनीता पांडे, डॉ. रीना, डॉ. अशोक सहित अनेक विद्वान उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

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