Uttar Pradesh

भविष्य में संस्कृत ही एक-दूसरे की संस्कृति से जोड़ने की भाषा होगी: योगी आदित्यनाथ

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मुख्यमंत्री ने अन्नपूर्णा संस्कृत महाविद्यालय में बालक-बालिकाओं काे बांटी सिलाई मशीन व लैपटॉप

वाराणसी, 6 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने दो दिवसीय वाराणसी दौरे के पहले दिन अन्नपूर्णा ऋषिकुल ब्रह्मचर्याश्रम संस्कृत महाविद्यालय, शिवपुर में 250 छात्र-छात्राओं को सिलाई मशीन, लैपटॉप एवं प्रमाण पत्र वितरित किए। उन्होंने संस्कृत भाषा को वैश्विक संस्कृति से जोड़ने का माध्यम बताते हुए इसके प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर बल भी दिया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काशी अन्नपूर्णा अन्न क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से संचालित सिलाई-कढ़ाई एवं कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र के 14वें सत्रांत समारोह में शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम में मंदिर के महंत शंकर पुरी और उनके लोक कल्याणकारी कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यह आश्रम 108 वर्षों से जनसेवा में निरंतर सक्रिय है। मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रही बेटियों, बहनों और छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि मां अन्नपूर्णा के प्रसाद से ही हमें अन्न की प्राप्ति होती है। यह हमारा सौभाग्य है कि काशी का नेतृत्व दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने नारियों के उत्थान के लिए ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान शुरू किया। प्रदेश में 60 लाख महिलाओं को आवास, 12 करोड़ से ज्यादे लोगों को शौचालय मुहैया कराए गए। इसके अलावा 10 करोड़ से ज्यादा लोगों को गैस कनेक्शन, 3 करोड़ लोगों को घरौनी मुहैया कराकर महिलाओं के उत्थान के लिए अनेकानेक कार्य किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा, स्किल मिशन के माध्यम से सरकार लगातार महिलाओं को स्वावलंबी बनाकर उनका उत्थान कर रही है। उन्होंने बताया कि दुनिया में कृषि के बाद सबसे अधिक लोगों को रोजगार वस्त्र सेक्टर देता है।

मुख्यमंत्री ने महिलाओं से कहा कि आप जितनी सिलाई करेंगी, आपकी आय में उतनी अधिक वृद्धि होगी। उन्होंने प्रदेश में संचालित वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट का उदाहरण भी दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाएं यहां जो कपड़ा तैयार करेंगी, उसको पूरे विश्व की महिलाएं पहनेंगी। आज प्रदेश की राजधानी में 1100 एकड़ में वस्त्र मित्र पार्क बन रहा है। प्रदेश के अनेक जगहों पर टेक्सटाइल पार्क बनाया जा रहा है, जो आने वाले समय में वस्त्र रोजगार के लिए वरदान साबित होगा। संस्कृत भाषा के महत्व को बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में संस्कृत ही वह भाषा होगी जो दुनिया को एक सांस्कृतिक सूत्र में बांधेगी। सरकार संस्कृत के उत्थान के लिए छात्रवृत्ति, भोजन-आवास तथा उच्च स्तरीय शोध के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। दुनिया का पहला विश्वविद्यालय तक्षशिला भी भारत की ही देन है, जिसकी उपज पाणिनि थे जिनका व्याकरण हमको देखने को मिलता है। महर्षि वाल्मीकि ने दुनिया का पहला संस्कृत महाकाव्य रचा था।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम की शुरुआत माता सरस्वती, भगवान महादेव और मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर और दीप प्रज्ज्वलित कर की। कार्यक्रम में अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और उनके प्रति आभार जताया।

इस अवसर पर प्रदेश के स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल, आयुष एवं खाद्य सुरक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, कई विधायक, एमएलसी, मंडलायुक्त एस. राजलिंगम, पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल, डीआईजी वैभव कृष्ण, अपर पुलिस आयुक्त शिवहरी मीना, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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