
बिलासपुर, 6 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । कांग्रेसी नेता हेमंत चंद्राकर के ईडी के अधिकारी पर कथित मारपीट के आरोप का मामला हाइकोर्ट पहुंचा। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में सोमवार को मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश विभु दत्त गुरु की बेंच में सुनवाई हुई। इस मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को रायपुर मजिस्ट्रेट के सामने अपना पक्ष रखने की निर्देश दिए हैं। वहीं याचिका को खारिज किया है।
दरअसल हेमंत चंद्राकर की तरफ से पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा और गगन तिवारी ने पैरवी की। जिन्होंने कोर्ट में बताया कि याचिकाकर्ता के साथ मारपीट की गई है। जिस पर कोर्ट ने कहा कि जिस अधिकारी ने मारपीट की है उसके खिलाफ मजिस्ट्रेट के पास एक आवेदन को दाखिल करें। वहीं मेडिकल जांच के लिए भी एक आवेदन पेश करने निर्देश दिया है। इस दौरान ईडी की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू और सौरभ पांडे ने पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने ईडी की तरफ से वकील का बयान रिकॉर्ड कराया कि कोई थर्ड डिग्री टॉर्चर नहीं की गई है।
उल्लेखनीय है कि हेमंत चंद्राकर ने पुलिस को दिए अपनी लिखित शिकायत में बताया कि वह 29 सितंबर को सुबह 10.30 बजे प्रवर्तन निदेशालय के रायपुर कार्यालय में पूछताछ के लिए गया था। पूछताछ रात 8.30 बजे तक चला, जिसके बाद मुझे अगले दिन फिर से आने को कहा। चंद्राकर ने आरोप लगाया कि पूछताछ के दौरान शारीरिक तौर पर प्रताड़ित करने के साथ मानसिक तौर पर दबाव डाला कि वह यह स्वीकार करे कि भूपेश बघेल के लोग विजय भाटिया, रामगोपाल अग्रवाल, आशीष वर्मा, मंदीप चावला और उनके एजेंट आदित्य अग्रवाल, शाश्वत जैन, किशोर चंद्राकर, सतपाल सिंह छाबड़ा को कमीशन देकर कार्य किया गया है। इसके साथ ईडी अधिकारी पर जानबूझकर खुद के साथ अपने परिवार को उत्पीड़ित करते हुए अवैधानिक तरीके से बयान लेने का प्रयास करने का आरोप लगाया। इसके बाद सियासी बयानबाजी ने शुरू होने से राजनीति गर्म है।
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(Udaipur Kiran) / Upendra Tripathi
