शिमला, 06 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि उन्हें खुशी है कि भारत सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उनके सुझाव को स्वीकार किया है कि सरकार के पास लगभग दो लाख करोड़ रुपये लावारिस धन के रूप में जमा हैं।
उन्होंने बताया कि अहमदाबाद में एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने स्वीकार किया कि सरकार के पास 1 लाख 84 हजार करोड़ रुपये ऐसे पड़े हैं जिन पर किसी ने दावा नहीं किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे धन के वास्तविक वारिसों का पता लगाकर उन्हें राशि लौटाने का प्रयास किया जाए।
शांता कुमार ने सोमवार को एक बयान में कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि वर्षों से यह धन बिना किसी दावे के पड़ा हुआ है और राष्ट्रीय आपदाओं में इसके उपयोग की अनुमति दी जानी चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि यह विषय नया नहीं है, जब वे केंद्र सरकार में मंत्री थे, तब भी इस पर चर्चा हुई थी। उन्होंने कहा कि इन राशियों के असली वारिस अब इस दुनिया में नहीं हैं। मेरा सुझाव है कि सरकार 25 प्रतिशत धन सुरक्षित रखे, ताकि यदि कोई वारिस आए तो उसे राशि लौटाई जा सके, परंतु शेष 75 प्रतिशत धन का उपयोग राष्ट्रीय आपदाओं में किया जाए।
उन्होंने कहा कि आज छोटा सा हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय आपदा की विभीषिका से जूझ रहा है, और प्रभावित लोगों को पूर्ण सहायता नहीं मिल पा रही है। ऐसे में भारत सरकार के पास पड़े दो लाख करोड़ रुपये में से 75 प्रतिशत राशि का उपयोग हिमाचल जैसे आपदा-ग्रस्त राज्यों के पुनर्वास और राहत कार्यों में किया जाना चाहिए।
शांता कुमार ने कहा कि इस धन का इससे बेहतर और कोई उपयोग नहीं हो सकता।
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(Udaipur Kiran) शुक्ला
