Jharkhand

हमारी यात्रा आत्मबोध से विश्वबोध की तरफ होनी चाहिए : गोपाल शर्मा

कार्यक्रम की तस्वीर

रांची, 05 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । रांची के हरमू स्थित विद्यापति दलाल में रविवार को अखिल भारतीय साहित्य परिषद, झारखंड के तत्वावधान में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। आत्मबोध से विश्वबोध विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रांत प्रचारक गोपाल शर्मा समेत अन्य गणमान्यों ने भी संबोधित किया।

गोपाल शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी यात्रा आत्मबोध से विश्वबोध की तरफ होनी चाहिए। विश्व को जानने के लिए आत्म का ज्ञान प्रथम है, प्रकृति हमें कई प्रकार की चीजें उपलब्ध कराती है, परन्तु हमें यह जानना अति आवश्यक है कि हम प्रकृति को क्या देते हैं। उन्होंने कहा कि आज समाज को जाति, भाषा, प्रांत आदि में बांटने का कार्य किया जाता है। हमारे पूर्वज जिन्होंने राष्ट्र की स्वाधीनता, विकास और श्रेष्ठता में अपना अहम योगदान दिया, उन्हें बाहर धकेल दिया और सत्ता हथिया ली गयी। इन्हीं का आत्मबोध करना है और राष्ट्रहित में कार्य करना है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अखिल भारतीय साहित्य परिषद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक सिंह ने कहा कि आत्मबोध के दो पक्ष राष्ट्रीय एवं आध्यात्मिक होते हैं। आध्यात्मिक पक्ष से ही राष्ट्रीय विचारधारा का एवं राष्ट्रीय पक्ष से ही अपने स्वराष्ट्र का बोध होता है। इन दोनों के आत्मबोध से ही राष्ट्र विश्वगुरु बनेगा।

इस अवसर पर प्रांत महामंत्री विजय प्रकाश ने कहा कि भौतिक एवं आर्थिक सुखों से हटकर युवाओं को कार्य करना चाहिए, जिसमें नैतिक व संस्कारिक आदि का समावेश हो। एक बेहतर राष्ट्र की संकल्पना ही आत्मबोध से विश्वबोध को ओर ले जाती है।

कार्यक्रम के दौरान रांची जिला के नई कार्यकारिणी का गठन किया गया, जिसमें राजश्री जयंती को जिला अध्यक्ष एवं विशाल कुमार को महासचिव बनाया गया।

इस कार्यक्रम के अध्यक्षता परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह और संचालन प्रांत मंत्री इंद्रजीत यादव ने किया। कार्यक्रम में दीपक पांडे, डॉ. प्रशांत, विजय कुमार, अरुण कुमार झा, सदानंद सिंह यादव, कमाल खान, लक्ष्मीचंद दीक्षित सहित अन्य लोग मौजूद थे।—————

(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे

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