
फिरोजाबाद, 5 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । स्वतंत्रता के बाद भारत कैसा हो, इसका विचार एक महान व्यक्ति ने आज से 100 वर्ष पूर्व कर सादगी, विनम्रता, भक्ति और राष्ट्रीय चरित्र के साथ संपूर्ण भारत को विश्व पटल पर देखने का सपना संजोए हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में की थी। एक छोटा सा पौधा स्वरूप यह संगठन आज बट वृक्ष के रूप में हम सभी के समस्त प्रस्तुत है।
यह उद्गार विजयादशमी के कार्यक्रम के अंतिम पड़ाव पर वक्ताओं ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि डॉ हेडगेवार ने इस संगठन की नींव भविष्य आवश्यकताओं को देखते हुए रखी थी। कार्यक्रम की सुंदरता यह भी है कि यह कार्यक्रम महानगर पर बस्ती स्तर पर हुए हैं, जिनकी संख्या 70 है।
सम्पूर्ण चंद्रनगर महानगर में 70 विजयदशमी उत्सव एवं पथ संचलन के कार्यक्रम 2 अक्टूबर के साथ प्रारंभ होकर रविवार तक संपन्न हुए हैं।
नगर के गणेश नगर कॉलोनी में रविवार को एक कार्यक्रम हुआ, जिसमें उद्यमियों एवं शहर के प्रमुख चिकित्सकों ने बढ़चकर पूर्ण उत्साह और उमंग के साथ भाग लिया। यहां पर गणेश नगर की प्रत्येक गली अनुशासित ढंग से बड़ा ही सुंदर पथ संचलन भी निकाला। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ जगदीश मित्तल एवं कार्यक्रम अध्यक्ष देवीचरण अग्रवाल रहे।
इसके अतिरिक्त मधुकर नगर में सुमंगलम गार्डन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां प्रशास्त की मुस्तैदी के साथ सैकड़ों की संख्या में। स्वयंसेवकों ने पथ संचलन निकाला, अंबेडकर नगर में गौरीशंकर इंटर कॉलेज में कार्यक्रम का आयोजन हुआ, वीर सावरकर नगर में हुडा बाला बाग में, सुदर्शन नगर में विभव नगर में, केशव नगर में सुहाग नगर स्थित भव्य पथ संचलन का आयोजन हुआ, दीनदयाल नगर में लेबर कॉलोनी में, शीतला नगर में आसफाबाद पर एवं इसके अतिरिक्त सभी बस्तियों के शेष कार्यक्रम भी संपन्न हुए हैं।
इस अवसर पर मुख्य वक्ताओं के रूप में कैलाश सह प्रांत संपर्क प्रमुख, प्रांत धर्म जागरण प्रमुख विशाल, महानगर संघचालक प्रदीप, महानगर प्रचारक शेखर, महानगर कार्यवाह गौरव, राम कुमार, अभिषेक, अमर सिंह, संदीप, डॉ विनोद अग्रवाल, मुकेश, सौरभ आदि उपस्थित रहे।
संघ साहित्य की लगीं स्टॉल
अधिकांशतः सभी कार्यक्रमों में साहित्य की स्टॉल लगाई गई थीं, जिनमें मुख्यतया नागरिक कर्तव्य, कुटुंब प्रबोधन, वीर शिवाजी की गाथाएं, भगवत गीता, संघ शताब्दी, संघ परिचय एवं भविष्य का भारत सहित कुल 25 प्रकार की पुस्तकों को रखा गया। स्वयंसेवकों ने कार्यक्रम के पश्चात इन पुस्तकों को देखा एवं प्राप्त किया।
मार्ग में जगह जगह हुई पुष्पवर्षा
पथ संचलन के दौरान मार्ग में जगह जगह पुष्प वर्षा की गई। इस अवसर पर समाज की माता बहिनों एवं बच्चों में पुष्पवर्षा कर सभी स्वयंसेवकों का उत्साह वर्धन किया। साथ ही संघ के प्रति अपनी निष्ठा का प्रदर्शन भी।
जगह- जगह सजाई गईं आकर्षक रंगोली
पथ संचलन मार्ग में जगह जगह आकर्षक रंगोली भी सजाई गईं। निगम द्वारा अथवा निजी तौर पर सजाई गईं यह रंगोली आकर्षण का केंद्र रहीं।
(Udaipur Kiran) / कौशल राठौड़
