
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती द्वारा पीजीडीएवी महाविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय समग्र संघ साहित्य परिचर्चा रविवार को संपन्न हुई। समापन सत्र में अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री मनोज कुमार ने कहा कि संघ ने ऐसे लोग तैयार किए हैं जो देश के लिए जिएं। उन्होंने कहा कि आज के समय में संघ, भारत और हिंदू तीनों शब्द पर्याय हो गए हैं।
मनोज कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्य व्यक्ति से लेकर विश्व तक विस्तृत है। राष्ट्र के पुनर्सृजन के लिए कार्य करने वाले संघ का लक्ष्य हिंदू समाज का संगठन कर भारत को विश्व-मित्र बनाना है। उन्होंने कहा कि इस परिचर्चा का उद्देश्य संघ विचार को अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाना है।
इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती के कार्यकारी अध्यक्ष एवं साहित्यकार डॉ. विनोद बब्बर ने कहा कि संस्था निरंतर साहित्यिक कार्यक्रमों के माध्यम से जनमानस में साहित्य के प्रति अभिरुचि जागृत कर रही है।
इस अवसर पर परिचर्चा के दूसरे सत्र में 20 साहित्यकारों, प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों ने संघ विचारकों की पुस्तकों का सार प्रस्तुत किया। इसमें मनीषा शर्मा, नवीन नीरज, वरुण कुमार, सोनू, प्रणव कुमार ठाकुर, संजय सिंह, भास्कर उप्रेती, विकास कुमार यादव, अवंतिका यादव, प्रियंका मिश्रा, आदर्श कुमार मिश्र, अनु कुमारी, रजत तिवारी, डॉली गुप्ता, रचना, पूनम राठी, अंकित कुमार, मीनाक्षी यादव, सूर्य प्रकाश और लक्ष्मी नारायण शामिल रहे।
कार्यक्रम में अखिल भारतीय साहित्य परिषद् की राष्ट्रीय मंत्री प्रो. नीलम राठी, इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती के उपाध्यक्ष मनोज शर्मा, प्रो. ममता वालिया, महामंत्री संजीव सिन्हा, मंत्री नीलम भागी, राकेश कुमार, जगदीश सिंह, आचार्य अनमोल, सुनील दत्ता, लेखक देवांशु झा, डॉ. श्रुति मिश्रा समेत अनेक साहित्यकार एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।
—————
(Udaipur Kiran) / माधवी त्रिपाठी
