
रांची, 5 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा में सिख पंथ के चौथे गुरु श्री गुरु रामदास जी का प्रकाश पर्व रविवार को श्रद्धा और भक्तिभाव से मनाया गया।
इसके साथ ही विशेष रूप से दिल्ली से पहुंचे प्रसिद्ध कीर्तनी जत्था भाई जसपाल सिंह ने मेरी प्रीत गोविंद सिंह जिन घटै…और धन धन रामदास गुरु… जैसे गायन से साध संगत निहाल किया।
इस अवसर पर खास तौर पर गुरुद्वारा के हेड ग्रंथी ज्ञानी जिवेन्द्र सिंह ने कथा वाचन के दौरान गुरु रामदास जी के जीवन और उपदेशों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गुरु जी ने रामदासपुर (अमृतसर) की स्थापना कर सिख समाज को नई दिशा दी। उन्होंने आनंद कारज विवाह पद्धति और मसंद प्रणाली की भी शुरुआत की।
इसके पहले, सुबह आठ बजे से विशेष दीवान का आयोजन किया गया, इसकी शुरुआत हजूरी रागी जत्था भाई महिपाल सिंह और साथियों ने आसा दी वार कीर्तन से हुई।
कार्यक्रम का समापन श्री आनंद साहिब के पाठ, अरदास, हुकुमनामा और कढ़ाह प्रसाद वितरण के साथ हुआ।
सभी ने गुरु घर में मत्था टेककर आशीर्वाद लिया और गुरु के अटूट लंगर का प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम का माहौल पूर्णतः भक्ति, प्रेम और समर्पण से भरा रहा।
सभा की ओर से भाई जसपाल सिंह को सरोपा ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
सभा के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने बताया कि श्री गुरु नानक देव जी महाराज के प्रकाश पर्व के अवसर पर अखंड पाठ साहिब जी का समापन देर रात को किया गया।
कार्यक्रम का संचालन नवीन मिढा ने किया।
इस अवसर पर गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा के प्रमुख सदस्य और गणमान्य व्यक्तियों में द्वारका दास मुंजाल, नरेश पपनेजा, हरगोविंद सिंह, सुंदर दास मिढ़ा, लेखराज अरोड़ा, केशव दास मक्कड़, मोहन काठपाल, मोहन लाल अरोड़ा, जीवन मिढ़ा, लक्ष्मण सरदाना, लक्ष्मण दास मिढ़ा सहित अन्य श्रद्धालु मौजूद थे।
—————
(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
