श्रीनगर, 5 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । जम्मू-कश्मीर के बारामूला के मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) ने विभाग के अंतर्गत कार्यरत शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को सोशल मीडिया पर सरकारी नीतियों की आलोचना करने से बचने का निर्देश दिया है और उन्हें सेवा से बर्खास्तगी सहित दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है।
शनिवार को एक परिपत्र में उन्होंने जिले के स्कूल शिक्षा विभाग के सभी कर्मचारियों को दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने और अनावश्यक बहस और चर्चाओं में शामिल होने और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अनुचित सामग्री साझा करने या पोस्ट करने से बचने का निर्देश दिया।
पुलवामा के विधायक और पीडीपी नेता वहीद पारा ने इस आदेश की आलोचना करते हुए कहा कि यह लोगों को अपनी आवाज उठाने से रोकता है।
बारामूला के सीईओ ने कहा कि शुक्रवार को शिक्षा विभाग के प्रशासनिक सचिव की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग के विभिन्न मामलों पर चर्चा की गई।
उन्होंने कहा कि इस तरह के कृत्य विभाग के नीतिगत मामलों में हस्तक्षेप हैं। सीईओ ने कहा ये गतिविधियाँ सरकार द्वारा 2023 में जारी परिपत्र निर्देशों का पूरी तरह से उल्लंघन हैं। सीईओ ने कहा कि प्रशासनिक सचिव ने सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे किसी भी उल्लंघन को प्रशासन के ध्यान में लाएँ ताकि ज़िम्मेदारी से उसका समाधान किया जा सके।
सोशल मीडिया पोस्ट पर जारी परिपत्र में उल्लंघन के लिए दंड का प्रावधान है, जिसमें निंदा, एक महीने के वेतन से अधिक का जुर्माना, वेतन वृद्धि और/या पदोन्नति रोकना, पदावनति, लापरवाही या आदेशों के उल्लंघन से सरकार को हुए किसी भी आर्थिक नुकसान की पूरी या आंशिक राशि की वेतन से वसूली, समय से पहले सेवानिवृत्ति और राज्य की सेवाओं से निष्कासन शामिल है।
हालांकि परिपत्र में उल्लेख किया गया है कि कर्मचारियों को सोशल मीडिया का उपयोग करने से प्रतिबंधित नहीं किया गया है और वे इन प्लेटफार्मों का उपयोग सकारात्मक और रचनात्मक उद्देश्यों के लिए कर सकते हैं।
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
