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सीटू का 11वां मंडी ज़िला सम्मेलन संपन्न, भूपेंद्र तीसरी बार बने अध्यक्ष

मंडी जिला सीटू की नई कार्यकारिणी।

मंडी, 5 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । सीटू का 11वां मंडी ज़िला सम्मेलन आज मंडी में संपन्न हो गया। जिसमें 35 सदस्यीय कमेटी का चुनाव सर्मसम्मति से किया गया। भूपेंद्र सिंह को तीसरी बार ज़िला प्रधान चुना गया। राजेश शर्मा को महासचिव, रमेश गुलेरिया को कोषाध्यक्ष तथा सुरेंद्र शर्मा, बिमला शर्मा, गुरदास वर्मा, रविकांत, बिमला देवी और गोपेंद्र कुमार उप प्रधान तथा राजेन्द्र कुमार,सुदर्शना,अंजुला, तिरमल सिंह, ललिता देवी और मॉन सिंह को सचिव चुना गया।कमेटी सदस्य के रूप में आंगनबाड़ी यूनियन से गोदावरी, क्षमा, अर्चना, नागो और रानी तथा मिड डे मील यूनियन से लालमन,हल्या देवी और संतोष कुमारी रेहड़ी यूनियन के प्रवीण कुमार, धनजंय, विपिन कुमार, कर्म सिंह मनरेगा और निर्माण यूनियन के सोहन सिंह, करतार सिंह चौहान, नरेश कुमार, रोशन लाल,ललित कुमार तथा एम्बुलेंस कर्मचारी यूनियन के सुमित कुमार और पंकज कुमार सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट यूनियन के हरवंश लाल को ज़िला कमेटी सदस्य तथा फोर लेन के ललित कुमार, सफ़ाई मज़दूर यूनियन सरकाघाट की कंचन गुलेरिया टोलप्लाजा टकोली यूनियन के जितेंद्र कुमार को स्थाई आमंत्रित सदस्य चुना गया। ज़िला प्रधान भूपेंद्र सिंह ने बताया कि सम्मेलन में सात प्रस्ताव पारित किए गए। जिनमें आउटसोर्सिंग आधार पर काम कर रहे 50 हज़ार मज़दूरों व कर्मचारियों के लिए नीति बनाने और उन्हें विभागीय कर्मचारी बनाने की मांग उठाई गई। आंगनबाड़ी, मिड डे मील और आशा वर्करों को भी विभागीय कर्मचारी बनाया जाए और उन्हें रिटायरमेंट के बाद पेंशन और अन्य सभी प्रकार की वित्तिय सहायता प्रदान की जाए।आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को पोषण ट्रैकर, ई कल्याण, बीएलओ इत्यादि का कार्य ऑनलाईन करने के लिए आई फ़ोन दिए जाएं। वहीं हैल्परों को वर्कर बनने की नीति लागू की जाए। स्कूलों में मिड डे मील तैयार करने के लिए सभी स्कूलों में कम से कम वर्कर नियुक्त किए जाएं सभी प्रकार की छुट्टियां प्रदान की जाए,25 बच्चों की संख्या के आधार पर छंटनी रोकी जाए, बढ़ा हुआ पांच सौ रुपए जारी किया जाए, केंद्र व राज्य सरकार का मानदेय एकसाथ दिया जाए। मनरेगा योजना के तहत सभी कॉर्ड धारकों को रोजगार दिया जाए। मनरेगा में कार्य करने वाले उन मज़दूरों जिनके घर में पति या पत्नी किसी अन्य रोज़गार में हैं को रोज़गार न देने वाले जारी आदेशों पर स्थिति स्पस्ट की जाए और सभी जाबधारकों को क़ानून के तहत रोज़गार दिया जाए। राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड का राजनैतिकरण रोका जाए और चार साल से लंबित वित्तिय सहायता जल्द जारी की जाए।शहरी क्षेत्रों में रेहड़ी-फहड़ी लगाने वाले मज़दूरों की समस्याओं के समाधान के लिए गठित की गई नगर विक्रय समितियों की बैठकें नियमित रूप में आयोजित की जाए और सभी का पंजीकरण करके लाइसेंस जारी किए जाएं। एम्बुलेंस कर्मचारियों से 12 घण्टे काम करवाने पर ओवरटाईम दिया जाए।न्यून्तम वेतन अदा किया जाए और हाई कोर्ट, लेबर कोर्ट और सीएनसी के फ़ैसले लागू किये जायें और छुटियां दी जाए। गाड़ियों की मुरम्मत और बदलाव समय पर किया जाए और भविष्य निधि और ईएसआई के तहत सबको सहायता प्रदान की जाए।इसके अलावा सीवरेज और सफ़ाई मज़दूरों को नियमित तौर पर वेतन जारी किया जाए और उन्हें विभागीय कर्मचारी बनाया जाए।प्रदेश में बन रहे फोर लेन, एनएच व अन्य प्रोजेक्टों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता पर रोज़गार दिया जाए। वर्तमान सरकार द्वारा मज़दूरों व कर्मचारियों के नाम पर की जा रही मित्रों की भर्ती प्रक्रिया को रद्द किया जाए और विभागों में खाली पड़े पदों को रेगुलर व दिहाड़ीदार नीति के तहत भरा जाए ताकि वे विभाग के रेगुलर कर्मचारी बन सकें। इसके अलावा श्रम कानूनों को बहाल करने, बढ़ती महंगाई पर रोक लगाने, धार्म ,जाति और क्षेत्र के आधार पर कुछ ताकतों द्वारा मज़दूरों व आम जनता में जहर व घृणा पैदा करने की कोशिशों व सोच के खीलाफ़ भी सीटू मज़दूरों को शिक्षित व जसगरुक कररेगी।सोलन में 26,27,28 अक्टूबर को होने जा रहे राज्य सम्मेलन में मंडी ज़िला से तीस प्रतिनिधि भाग लेंगे तथा भूमि अधिग्रहण व राष्ट्रीय उच्च मार्गो के मुद्दे पर 13 अक्टूबर को शिमला में होने वाले किसान-मज़दूर सम्मेलन में भी प्रतिनिधि भाग लेंगे।

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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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