Uttrakhand

शहर से हटाया अतिक्रमण, व्यापारियों पर 25 हजार का चालान, हर बार महज औपचारिकता तक सिमट जाता है अभियान

शहर से हटाया अतिक्रमण, व्यापारियों पर 25 हजार का चालान,

हल्द्वानी, 5 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । रविवार को नगर निगम ने प्रशासनिक अमले के साथ मिलकर शहर के प्रमुख बाजार क्षेत्रों में अतिक्रमण के खिलाफ सघन अभियान चलाया।

पटेल चौक, मीरा मार्ग, बर्तन बाजार, सदर बाजार और कालाढूंगी चौराहे में फुटपाथों पर अवैध कब्जों को हटाया गया और सड़क किनारे रखे गए सामान को जब्त किया गया।निगम की टीम ने फुटपाथों पर अवैध रूप से दुकानदारी कर रहे व्यापारियों पर 25 हजार तक का चालान लगाया।

वेंडिंग कार्ड के बिना ठेले लगाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि बिना अनुमति के लगाए गए ठेलों और अतिक्रमण के खिलाफ यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।इस कार्रवाई के दौरान नगर आयुक्त ऋचा सिंह, उप जिलाधिकारी राहुल शाह और सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल चौहान स्वयं मौके पर मौजूद रहे। बाजार क्षेत्रों में मुनादी (अनाउंसमेंट) कराकर लोगों को अतिक्रमण न करने की चेतावनी भी दी गई।स्थानीय व्यापारियों और निवासियों का कहना है कि ऐसे अभियान अक्सर केवल दिखावटी कार्रवाई बनकर रह जाते हैं।

निगम की टीम के जाते ही अतिक्रमण करने वाले फिर से लौट आते हैं। प्रश्न यह भी उठता है कि नगर निगम की दुकानों के आगे ठेले लगवाने के एवज में कथित रूप से 12 हजार तक मासिक किराया वसूला जा रहा है? जो कि सरकारी सड़क क्षेत्र में आता है। यदि यह आरोप सही हैं, तो यह सीधे तौर पर प्रशासनिक मिलीभगत की ओर संकेत करता है।

अतिक्रमण के चलते बाजारों में भारी भीड़ और अव्यवस्था बनी रहती है। इससे ग्राहकों को परेशानी तो होती ही है, महिलाओं के साथ छेड़छाड़ जैसी घटनाओं की भी आशंका बनी रहती है। यही वजह है कि अब लोग भीड़भाड़ वाले बाजारों से मॉल की ओर रुख करने लगे हैं।लोगों का कहना है कि जब तक प्रशासन इस समस्या के स्थायी समाधान की ओर नहीं बढ़ेगा, यह अभियान केवल लुका-छिपी का खेल ही बना रहेगा।

टीम आई, कार्रवाई की, चली गई — और कुछ ही घंटों में पुराने हालात फिर बहाल हो जाते हैं। अवैध अतिक्रमण से हल्द्वानी की बाजारें जूझ रही हैं, और प्रशासनिक कार्रवाई बार-बार केवल अस्थायी राहत देती है। ज़रूरत है एक व्यवस्थित, पारदर्शी और दीर्घकालिक नीति की, जो न केवल सड़क पर से कब्जे हटाए, बल्कि शहर को सुचारु बनाए।

(Udaipur Kiran) / अनुपम गुप्ता

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