Uttar Pradesh

दीक्षांत समारोह के पूर्व संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय ने किया वृद्धाश्रम में महिला सम्मेलन

सम्मेलन में वृद्ध माताओं के साथ  प्राध्यापक,शोध छात्र और छात्राएं

—वृद्ध आश्रम में महिलाओं का योगदान सारगर्भित: प्रो. नीलम गुप्ता

वाराणसी,05 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में 43वें दीक्षांत समारोह की तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं। दीक्षांत समारोह इस बार आठ अक्तूबर को मुख्य भवन के पास दीक्षांत लॉन में मनाया जाएगा।

दीक्षांत समारोह से पूर्व रविवार को विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान विभाग, आधुनिक ज्ञान विज्ञान संकाय के तत्वावधान में महिला सम्मेलन का आयोजन दुर्गाकुंड स्थित राजकीय वृद्ध एवं अशक्त आवासीय गृह में किया गया। सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, वाराणसी की प्राचार्य प्रो. नीलम गुप्ता ने वृद्धाश्रम में रहने वाली माताओं से भावनात्मक जरूरतें और समर्थन (अकेलापन, मानसिक, शारीरिक स्वास्थ्य पर चर्चा)” विषय पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था में महिलाओं की सबसे बड़ी आवश्यकता भावनात्मक सहारा और अपनापन है। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य तभी सुदृढ़ रह सकता है जब व्यक्ति को समाज से संवाद और स्नेह प्राप्त हो। इसलिए अपने परिवार का मूल एक औरत होती है, सदैव उनका संरक्षण और सेवा भाव करते रहें। उन्हीं से घर निर्मित होता है। वृद्ध आश्रम में महिलाओं का योगदान सारगर्भित है, जिसमें उनकी देखभाल, समर्थन और सेवा की भावना निहित है। महिलाएं वृद्धजनों के जीवन में ममता, सहानुभूति और सहयोग का संचार करती हैं, जिससे उनकी जिंदगी में सकारात्मक परिवर्तन आता है। कार्यक्रम की संयोजक प्रो. विधु द्विवेदी ( गृह विज्ञान विभाग ) ने कहा कि यह सम्मेलन विश्वविद्यालय की सामाजिक जिम्मेदारी और मानवीय मूल्यों के संवर्धन का प्रतीक है। वृद्धजनों की दैनिक जरूरतों को पूरा करने में मदद करना, जैसे कि भोजन, स्नान, और दवा देना आवश्यक है। वृद्धजनों के साथ बातचीत करना, उनके साथ समय बिताना, और उन्हें अकेलापन महसूस नहीं होने देना चाहिए।

वृद्धाश्रम दुर्गा कुंड के देव शरण सिंह ने वृद्ध महिलाओं के जीवन की व्यावहारिक समस्याओं, स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं तथा उनकी दैनिक दिनचर्या को बताया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्राध्यापक अनुराग पाण्डेय, आकाश कुशवाहा , शुभम तिवारी , रोहित मिश्र, शोधार्थी, छात्राओं ने वृद्धाश्रम की निवासी महिलाओं से बातचीत की। वृद्ध माताओं ने भी अपने विचार और जीवन के अनुभवों को साझा किया। कार्यक्रम में वृद्ध माताओं को यथोचित उपहार भी दिया गया। सम्मेलन का संचालन डॉ. कंचन पाठक एव धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अनुराग पाण्डेय ने किया।

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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