
नोएडा, गौतम बुद्ध नगर, 5 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । जनपद गाजियाबाद में एक बार फिर खाकी वर्दी पर दाग लगा है। यूपी पुलिस के दो कॉन्स्टेबल ड्यूटी के नाम पर जेल से एक बंदी को भगाने के इरादे से अपनी निजी कार से डासना जेल पहुंचे और छह बंदियों में से सिर्फ एक बंदी को नोएडा पेशी पर ले जाने पर अड़ गए । शक होने पर इसकी सूचना पुलिस के आला अधिकारियों को जेल प्रशासन द्वारा दी गई। दोनों सिपाहियों को गिरफ्तार कर सस्पेंड कर दिया गया है। आगे की कार्रवाई जारी है।
अपर पुलिस आयुक्त आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि दो कांस्टेबल राहुल कुमार और सचिन पुलिस लाइन गाजियाबाद में तैनात है। इनकी ड्यूटी जेल से बंदियों को पेशी के लिए हवालात और अदालत तक लाने की थी। दिन 4 अक्टूबर 2025 को दोनों सिपाही सरकारी गाड़ी के बजाय निजी कार से डासना जेल पहुंचे थे। उस दिन 6 बंदियों की अदालत में पेशी होनी थी, लेकिन ये दोनों केवल एक ही बंदी बिजेंद्र को गौतमबुद्धनगर न्यायालय मे पेशी पर ले जाने पर अड़े रहे। जेल प्रशासन को उन पर कुछ शक हुआ और जब इसकी गहनता से जांच की गई तो पता चला कि उस दिन गौतमबुद्धनगर के लिए कोई रवानगी दर्ज ही नहीं थी। डासना जेल अधीक्षक ने शक होने पर मामले की जांच कराई तो यह बड़ा खुलासा हुआ और जेल प्रशासन द्वारा उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई।
अपर आयुक्त ने बताया कि सूचना मिलते ही मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस लाइन के रिजर्व इंस्पेक्टर द्वारा दोनों सिपाहियों के खिलाफ थाना कविनगर में एफआईआर दर्ज कराई गई। इसके आधार पर कविनगर थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों सिपाहियों को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों को सस्पेंड करते हुए आगे की कार्रवाई की जा रही है।
(Udaipur Kiran) / सुरेश चौधरी
