HimachalPradesh

शिक्षा विभाग की किरकिरी कराने पर ड्राइंग मास्टर निलंबित, प्रधानाचार्य पर भी होगी कार्रवाई

शिमला, 04 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग ने सिरमौर जिले के रोनहाट स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में घटित एक शर्मनाक लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की है। विद्यालय द्वारा जारी एक चेक में अंग्रेजी में गलत और बेतुके शब्द लिखे जाने की घटना को गंभीर मानते हुए शिक्षा निदेशालय ने संबंधित ड्रॉइंग मास्टर को निलंबित कर दिया है, जबकि प्रधानाचार्य पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

मामला उस समय सामने आया जब विद्यालय की ओर से 25 सितंबर को मिड-डे मील (पीएम पोषण) योजना के तहत एक चेक जारी किया गया। इस चेक में 7616 रुपये की राशि तो सही अंक में लिखी गई थी, लेकिन अंग्रेजी में राशि का वर्णन बेहद गलत और हास्यास्पद तरीके से लिखा गया — “Saven Thursday Six Harendra Sixtey rupees only”। चेक की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और बाद में चर्चा का विषय बन गई, जिससे शिक्षा विभाग की छवि धूमिल हुई।

शिक्षा निदेशकालय के अनुसार घटना का संज्ञान मिलते ही विद्यालय के प्रधानाचार्य और ड्रॉइंग मास्टर अत्तर सिंह को 4 अक्तूबर को शिमला बुलाकर व्यक्तिगत रूप से स्पष्टीकरण मांगा गया। पूछताछ के दौरान ड्रॉइंग मास्टर अत्तर सिंह ने स्वीकार किया कि यह गलती उन्होंने खुद की है और यह भूल असावधानीवश हुई। शिक्षा निदेशक शशि कोहली ने इस सफाई को स्वीकार नहीं किया और इस लापरवाही को गंभीर प्रशासनिक चूक माना।

निदेशालय ने सख्त रुख अपनाते हुए उपनिदेशक, प्राथमिक शिक्षा सिरमौर को आदेश दिया कि वे अत्तर सिंह के विरुद्ध केंद्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1965 के तहत विभागीय कार्यवाही शुरू करें। आदेशों के पालन में उपनिदेशक (प्राथमिक) सिरमौर ने अत्तर सिंह, ड्रॉइंग मास्टर, को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उनके मुख्यालय को अब राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हरिपुरधार तय किया गया है और उन्हें बिना अनुमति स्टेशन छोड़ने की मनाही है।

शिक्षा विभाग ने प्रधानाचार्य, जो इस मामले में पर्यवेक्षण अधिकारी एवं डीडीओ हैं, के खिलाफ भी कार्रवाई पर विचार शुरू कर दिया है। विभाग ने यह भी दोहराया है कि भविष्य में ऐसे मामलों में किसी भी स्तर की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

शिक्षा निदेशक अशिष कोहली ने कहा कि विभाग सभी संस्थानों में प्रशासनिक अनुशासन, वित्तीय जवाबदेही और संस्थागत मर्यादा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा लापरवाही या असावधानी से विभाग की छवि धूमिल करने पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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