बाड़मेर, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । बाड़मेर के सरकारी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान एक चार साल की मासूम की मौत हो गई। बुखार होने पर परिजन हॉस्पिटल ले गए थे, डॉक्टर ने दवा और इंजेक्शन देकर घर भेज दिया। घर पहुंचते ही बच्ची बेहोश हो गई। वापस हॉस्पिटल लेकर आए तो डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। परिजनों का आरोप है कि इंजेक्शन और दवाई देने के बाद बच्ची की तबीयत बिगड़ी थी। वहीं सीएमएचओ विष्णुराम विश्नोई ने डॉक्टर रमेश और एएनएम शांता को एपीओ कर दिया है।
मामला जिले के बिजराड़ थाना क्षेत्र के मिठड़ाऊ पीएसची (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) का है। इलाज करने वाले डॉक्टर रमेश पुंजानी का कहना है कि बच्ची को निमोनिया था। चौहटन ले जाने का कहा था, लेकिन परिजन उसे घर ले गए।
बच्ची के पिता अरविंद कुमार ने बताया कि उनकी बेटी जसोदा को मंगलवार से बुखार आ रहा था। गुरुवार को उसे मिठड़ाऊ पीएचसी लेकर गए। यहां उसे दवाइयां दी, लेकिन 24 घंटे बाद भी आराम नहीं हुआ।
इस पर शुक्रवार दोपहर पत्नी रूखी देवी दोपहर करीब 1 बजे बेटी को दोबारा पीएचसी लेकर गई। पिता का आरोप है कि यहां डॉक्टर रमेश पुंजानी और नर्सिंगकर्मी शांति देनी ने इंजेक्शन दिया और दवाइयां दीं। इसके कुछ देर बाद जसोदा की तबीयत बिगड़ने लगी। थोड़ी देर बाद वह बेहोश हो गई। इस पर स्टाफ ने बच्ची को बेहोशी की हालत में ही घर भेज दिया।
पिता का कहना है कि जब उनकी पत्नी बच्ची को घर लेकर पहुंची तो बेटी बेसुध हो गई थी। इसके बाद उसे दोबारा PHC लेकर आए, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। शाम करीब 7 बजे तक परिजन बच्ची के शव के साथ हॉस्पिटल में ही थे। सूचना मिलने पर शाम करीब 7 बजे बीजराड़ थाना अधिकारी मगाराम हॉस्पिटल पहुंचे। इसके बाद बच्ची के शव को मॉर्च्युरी में रखवाया।
मगाराम ने बताया कि परिजनों ने डॉक्टर व नर्सिंगकर्मी पर गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाया है। परिजनों की रिपोर्ट पर पुलिस ने मर्ग दर्ज की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया।
डॉक्टर रमेश का कहना है कि जब बच्ची को पीएचसी लेकर आए तब बच्ची सीरियस थी और उसे निमोनिया था। मां को बोला भी था कि उसे चौहटन लेकर जाइए। जब बच्ची को लेकर आए तब उसे नीमूलाइजर कर एंटीबायटिक इंजेक्शन दिया था। बच्ची के साथ केवल मां थी। मैंने खुद बाहर से टैक्सी मंगवाकर उसे चौहटन ले जाने के लिए भेजा था। कहा भी था कि यहां ऑक्सीजन की सुविधा नहीं है। वे 2 बजे यहां से चले गए थे। इसके बाद चौहटन न जाकर वे सीधे घर चले गए। शाम करीब 6 बजे उसे दोबारा लेकर आए और आरोप लगाया कि इंजेक्शन से उसकी मौत हो गई। किसी भी दवाई या इंजेक्शन का रिएक्शन उसी समय होता है, 4 घंटे बाद नहीं। जो सही है वो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आ जाएगा।
सीएमएचओ विष्णुराम विश्नोई ने बताया कि परिजनों की शिकायत पर डॉक्टर रमेश और नर्सिंग कर्मी शांता के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए है। इसके साथ ही दोनों को एपीओ कर बाड़मेर लगाया गया है।
हॉस्पिटल प्रशासन का कहना है कि परिजन बच्ची की मौत के बाद शव को चद्दर में पकड़कर लेकर आए। स्ट्रेचर अंदर था, लेकिन परिजन आनन-फानन में अंदर लेकर आ गए। इसके बाद शव को चद्दर में टांगकर मॉर्च्युरी में ले गए।
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(Udaipur Kiran) / चन्द्रशेखर
