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लघुकथा सम्मेलन में देशभर के लघुकथाकारों ने दी सार्थक उपस्थिति

लघुकथा सम्मेलन में देशभर के लघुकथाकारों ने दी सार्थक उपस्थिति

जम्मू, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । हिंदी दिवस के अवसर पर हरियाणा प्रादेशिक हिंदी साहित्य सम्मेलन, सिरसा एवं हरियाणा प्रादेशिक लघुकथा मंच द्वारा 14वां लघुकथा सम्मेलन धूमधाम से आयोजित किया गया। इस अवसर पर राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र, बिहार, मध्यप्रदेश सहित हरियाणा के विभिन्न जिलों से नामचीन लघुकथाकारों ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रमुख समाजसेवी ललित मोहन ने की जबकि मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान के वरिष्ठ लघुकथाकार एवं चिकित्सक डॉ. रामकुमार घोटड़ उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि श्री पवन कुमार गुप्ता तथा प्रो. (डॉ.) ऋचा शर्मा थीं। मुख्य संयोजक प्रो. रूप देवगुण ने मंच की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह सम्मेलन लघुकथा के समर्पित साधकों के लिए एक उत्सव है।

इस अवसर पर लघुकथा पर्व-3, दीपांजलि, आठवां सुर, चमक जुगनू की, आई एम नॉट एकलव्य समेत कई महत्वपूर्ण लघुकथा संग्रहों का विमोचन किया गया। हिंदी विमर्श में डॉ. शील कौशिक ने हिंदी को वैश्विक संवाद की भाषा बताते हुए कहा कि हिंदी का प्रसार स्वयं ही अपना मार्ग प्रशस्त कर रहा है, बस इसके प्रति दुर्भावनाएं न पालें। सम्मेलन के दौरान अपना आधार खोती आधुनिक लघुकथा विषय पर सारगर्भित विमर्श हुआ जिसमें प्रो. डॉ. ऋचा शर्मा ने महाराष्ट्र के लघुकथाकारों के उदाहरण देते हुए लघुकथा की चुनौतियों पर प्रकाश डाला। वरिष्ठ समीक्षक सिद्धेश्वर और आलोचक योगराज प्रभाकर ने लघुकथाओं की समीक्षा प्रस्तुत की और सुधारात्मक सुझाव दिए।

सम्मान समारोह में डॉ. ऋचा शर्मा, जगदीश राय कुलरियां, आशा खत्री लता सहित कई रचनाकारों को विभिन्न स्मृति सम्मान प्रदान किए गए। साथ ही लघुकथा सेवी सम्मान और लघुकथा संपादन सम्मान भी दिए गए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शील कौशिक, हरीश सेठी ‘झिलमिल’ और प्रो. (डॉ.) आरती बंसल ने किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डॉ. शील कौशिक ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य लघुकथा को सार्थक विमर्श और सम्मान के साथ उसकी दिशा और दशा पर चिंतन करना है।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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