नाहन, 04 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । जिला सिरमौर के धारटीधार इलाके की धगेड़ा और जमटा पंचायत में कई वर्षों से चल रहे पशु औषधालय सरकार ने बंद कर दिए हैं। इससे पशुपालकों को अपने मवेशियों के उपचार के लिए भारी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं।
विभाग की मानें तो इन दोनों पंचायतों के पशु औषधालयों समेत जिले में ये संख्या 5 हैं, जिन पर ताला लटक गया है। धगेड़ा पंचायत की बात करें तो यहां 700 के करीब गाय और बैल, 600 के करीब बकरियों समेत अन्य मवेशी भी हैं, जिनका उपचार करवाना ग्रामीणों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। बताया जा रहा है कि इन पशु औषधालयों से समान भी दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया है।
धगेड़ा पंचायत के उपप्रधान बिट्टू, पूर्व प्रधान वीरेंद्र ठाकुर, नरेंद्र, सतपाल और प्रीतम ने बताया कि ये पशु औषधालय 2010 में खोला गया था। इसे अचानक बंद किए जाने से पशुपालकों की परेशानी बढ़ गई है। ये पशु औषधालय फार्मासिस्ट के सहारे चल रहे थे।इसके अलावा यहां स्टाफ का सदस्य तैनात नहीं किया गया। लिहाजा अब पशुपालकों को अपने पशुओं के इलाज को लेकर भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
पशुपालकों ने सरकार से मांग की है कि इन खाली पदों पर स्टाफ की नियुक्ति की जाए और दोबारा इन औषधालयों को खोला जाए। ताकि किसानों को अपने पशुधन के उपचार के लिए भटकना न पड़े।कार्यवाहक उपनिदेशक डा. संदीप शर्मा ने बताया कि जिले में 5 पशु औषधालय बंद हुए हैं। उन्होंने बताया कि इन औषधालयों में फार्मासिस्ट तैनात थे, जो नियमित होने के बाद दूसरे स्टेशनों पर ड्यूटी संभाल रहे हैं। सरकार के आदेशों के बाद इन्हें बंद किया गया है।
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(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर
