

-मुख्यमंत्री में किया आपदा में सहयोग वाले कर्मियों को सम्मानित
-स्कूल-कॉलेजों में मिलेगा आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण
देहरादून, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को आपदा राहत बचाव में सहयोग देने वाले कार्मिकों को सम्मानित करते हुए कहा कि आपदा केवल इमारतें या सड़कें ही नहीं तोड़ती, आपदा लोगों के आत्मविश्वास और भविष्य को भी चोट पहुंचाती हैं। इसलिए राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि आपदा पीड़ितों को केवल मुआवज़ा ही न दिया जाए, बल्कि उनके पुनर्वास और उनकी आजीविका पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज पटेल नगर स्थित राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में ’प्राइड मूवमेंट सम्मान समारोह’ काे संबाेधित कर रहे थे।इस माैके पर मुख्यमंत्री आपदा के दौरान राहत एवं बचाव अभियान में योगदान देने पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, आईटीबीपी के कर्मियों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सम्मान ऐसे कर्मियों के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है, जिन्होंने आपदा के दौरान राहत एवं बचाव अभियान में अपनी जान की परवाह किए बिना योगदान दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबने 2013 की केदारनाथ आपदा की त्रासदी को देखा है, जब जय प्रलय में हजारों लोगों की जानें चले गईं थीं। इसी प्रकार 2021 में चमोली की ऋषिगंगा और धौलीगंगा घाटी में आई आपदा ने पूरे देश को झकझोर दिया था। वर्ष 2023 में जोशीमठ का धंसाव भी एक बड़ी चुनौती के रूप में हमारे सामने आया। इस वर्ष भी उत्तरकाशी, चमोली और देहरादून के विभिन्न क्षेत्रों में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की अनेक घटनाओं का हमने सामना करना पड़ा। इन आपदाओं में कई लोगों की मृत्यु हुई, कई लोग लापता हुए और संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कठिन परिस्थितियों में हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती मानव जीवन की रक्षा करने की थी, यही समय था, जब एसडीआरएफ, एनडीआरएफ सहित पुलिस- प्रशासन के लोगों ने आपदा में घायल और मलबे में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए ग्राउंड जीरो पर लगातार काम किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के समय हमारे राहत कर्मियों ने न केवल प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया, बल्कि पुनर्वास और राहत शिविरों का भी संचालन किया। सिल्क्यारा टनल में फंसे मजूदरों के लिए चलाए गए अभियान को नहीं भूल सकते। तब दिन-रात चलने वाले बचाव अभियान पर पूरे देश की निगाह थी। परंतु बाबा बोखनाग के आशीर्वाद और प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन ने हमारे अभियान को सफल बनाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वो जब भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते हैं, तो बचाव और राहत कर्मियों के जज्बे को देखकर उन्हें विश्वास हो जाता है कि हम प्रत्येक चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने एसडीआरएफ जवानों को ड्रोन, सैटेलाइट आधारित मॉनिटरिंग और अत्याधुनिक रेस्क्यू गियर जैसे अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए हैं। साथ ही, आपदा मित्र योजना के अंतर्गत गांव-गांव में स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके साथ ही सड़क और पुल निर्माण में डिजास्टर रेज़िलिएंट तकनीक का उपयोग भी अनिवार्य किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण को स्कूल-कॉलेजों में शामिल करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ की है, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी आपदा के खतरों से और बेहतर तरीके से निपट सके। समारोह में नकल विरोधी कानून लागू करने के लिए छात्रों ने मुख्यमंत्री धामी का विशेष तौर पर स्वागत कर उनका आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विधायक प्रेमचंद अग्रवाल, स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश, कृष्ण गिरी महाराज, अपर पुलिस महानिदेशक वी. मुरूगेशन, कार्यक्रम संयोजक हनी पाठक मौजूद थे।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार
