
जालाैन, 04 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उरई तहसील सभागार में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय और पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार ने फरियादियों की समस्याओं को गंभीरता से सुना। इस दौरान कुल 43 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 16 का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया।
इस दौरान एक अनाथ बच्ची नम्रता अपने दो छोटे जुड़वा भाइयों और एक बहन के साथ प्रार्थना पत्र लेकर पहुंची। उसने बताया कि उसके माता-पिता और दादा-दादी का निधन हो चुका है, और वह अपने भाई-बहनों के साथ पढ़ाई जारी रखना चाहती है। जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि बच्चियों को तत्काल कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में दाखिला दिलाकर यूनिफॉर्म, किताबें और अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई जाए। छोटे बच्चों की देखरेख के लिए उन्हें राजकीय शिशु सदन झांसी या ललितपुर में सुरक्षित आश्रय दिलाने के निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि इन बच्चों की पूर्ण देखरेख उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन की जिम्मेदारी होगी। बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना और अन्य शासकीय योजनाओं से लाभान्वित कराया जाएगा, ताकि मुख्यमंत्री जी के उस उद्देश्य की पूर्ति हो सके, जिसके अंतर्गत प्रदेश सरकार हर अनाथ और असहाय बच्चे को सुरक्षित भविष्य, शिक्षा और सम्मानजनक जीवन प्रदान करने के लिए कृत संकल्पित है।
इस अवसर पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/उप जिलाधिकारी नेहा ब्याडवाल, प्रभागीय वनाधिकारी प्रदीप यादव, मुख्य चिकित्सा अधिकारी नरेंद्र देव शर्मा, सीओ अर्चना सिंह आदि सहित सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे।
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(Udaipur Kiran) / विशाल कुमार वर्मा
