
कोलकाता, 04 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच दामोदर घाटी निगम से पानी छोड़े जाने को लेकर सियासी घमासान छिड़ गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने त्योहारों के बीच राज्य में “मानव निर्मित आपदा” पैदा की है, जबकि केंद्र ने इन आरोपों को “झूठा और भ्रामक” बताया है।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को दावा किया कि निगम ने राज्य सरकार को बिना सूचना दिए मैथन और पंचेत जलाशयों से 65 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा, जिससे दक्षिण बंगाल के कई जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया। ममता बनर्जी ने कहा कि शाम तक यह मात्रा बढ़कर लगभग डेढ़ लाख क्यूसेक तक पहुंच गई। उन्होंने इसे “साजिश” करार देते हुए कहा कि “दुर्गा पूजा के अंत में बंगाल को बलि चढ़ाने की कोशिश की जा रही है।”
इस पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने शनिवार को मुख्यमंत्री के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि निगम की ओर से कुल 70 हजार क्यूसेक पानी ही छोड़ा गया — मैथन से 42 हजार 500 और पंचेत से 27 हजार 500 क्यूसेक। पाटिल ने बताया कि जलाशयों से पानी छोड़ने की प्रक्रिया वैज्ञानिक और नियमों के अनुरूप रही तथा राज्य के सिंचाई और जलमार्ग विभाग से सुझाव मांगे गए थे, लेकिन राज्य की ओर से कोई जवाब नहीं मिला।
पाटिल ने स्पष्ट किया कि “निचले दामोदर क्षेत्र में किसी तरह की जलजमाव की स्थिति नहीं है” और हरींखोला में जलस्तर चेतावनी स्तर से नीचे है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा फैलाया जा रहा डर पूरी तरह निराधार है।
उधर, भारतीय जनता पार्टी ने भी ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला है। पार्टी के पश्चिम बंगाल प्रभारी अमित मालवीय ने मुख्यमंत्री पर “झूठ फैलाने” का आरोप लगाते हुए कहा कि ममता बनर्जी एक आदतन झूठी हैं। उन्होंने पहले से बाढ़ की आशंका जताकर अपने कर्तव्यों से पल्ला झाड़ लिया है और दोष निगम पर मढ़ रही हैं।
मालवीय ने कहा कि राज्य के सिंचाई एवं जलमार्ग विभाग के मुख्य अभियंता जलाशय नियामक समिति के सदस्य हैं और कभी भी बिना राज्य को सूचना दिए पानी नहीं छोड़ा गया। उन्होंने राज्य सरकार पर दुर्गापुर बैराज के रखरखाव में लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया।
भाजपा नेता ने कहा कि साल दर साल दामोदर घाटी निगम ने बंगाल को बाढ़ से बचाया है। अगर यह प्रणाली न होती, तो राज्य का बड़ा हिस्सा हर साल जलमग्न हो जाता। मुख्यमंत्री को दोषारोपण बंद कर अपने दायित्व निभाने चाहिए।
इस बीच, आसनसोल और दुर्गापुर क्षेत्र में लगातार बारिश के कारण दक्षिण बंगाल के कई जिलों — बर्दवान, हुगली और हावड़ा —में प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने आशंका जताई है कि यदि जल प्रवाह और बढ़ा तो आने वाले दिनों में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
