
कानपुर, 04 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । अंतरराष्ट्रीय पर्पल फेस्ट जो नौ अक्टूबर से गोवा में आयोजित हो रहा है, इसका उद्देश्य दिव्यांगजनों के लिए इन्क्लूजन (समावेश), एक्सेसिबिलिटी (सुगमता) और डिग्निटी (गरिमा) को पुनर्स्थापित करना है। यह उत्सव इसलिए है कि किस प्रकार दिव्यांगजन समाज की मुख्यधारा में समान रूप से शामिल हों, हर जगह उन्हें पहुंच की सुविधा मिले और पूरा सम्मान प्राप्त हो। यह बातें शनिवार को जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने कही।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि काम न करने वालों के लिए सैकड़ों बहाने होते हैं, लेकिन सुनील मंगल के पास कोई बहाना नहीं है। उन्होंने अपने जज़्बे और आत्मबल से यह साबित किया है कि इच्छाशक्ति के आगे कोई भी सीमा आड़े नहीं आती।
उन्होंने कहा कि सुनील मंगल कानपुर नगर के गौरव हैं। वे न केवल हमारे दिव्यांग मतदाता आइकॉन हैं, जिन्होंने अधिकतम लोगों को मतदाता जागरूकता अभियान से जोड़ा, बल्कि हमेशा अपने जज़्बे से समाज में ऊर्जा का संचार करते हैं। यह अभियान उनके नेतृत्व में अन्य दिव्यांगजनों के लिए प्रेरणा बनेगा। मैं उनकी इस यात्रा की सफलता की मंगलकामना करता हूँ।
भारत सरकार की पहल पर गोवा में नौ से 12 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले चार दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय पर्पल फेस्ट में लगभग 45 देशों से अपने-अपने क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त दिव्यांगजन भाग लेंगे। इस वर्ष तीसरे लगातार साल गोवा सरकार को आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। फेस्ट में 252 प्रकार के आयोजन होंगे जिनमें पर्पल फ़न, पर्पल स्पोर्ट्स, पर्पल कैलिडोस्कोप, पर्पल एक्सपीरियेंस ज़ोन, पर्पल थिंक टैंक, पर्पल कॉन्फ्रेंस एवं पर्पल एक्ज़ीविशन ज़ोन प्रमुख आकर्षण रहेंगे।
कानपुर से शुरू हुई यह दिव्यांग कार यात्रा अभियान का नेतृत्व सुनील मंगल कर रहे हैं। उनके साथ दिव्यांगजन राहुल सिंह एवं वीर सिंह (चंडीगढ़), बलविंदर सिंह (ग्वालियर) एवं नरेन्द्र सिंह अपनी-अपनी हाथों से चलने वाली कारों से यात्रा पूरी करेंगे। यह यात्रा कानपुर से रवाना होकर झांसी, शिवपुरी, कोटा, उज्जैन, इंदौर, खरगोन, नागपुर, मालेगांव, अहमदनगर, पुणे, सतारा, कोल्हापुर होते हुए 8 अक्टूबर को गोवा पहुंचेगी।
पांच अक्टूबर को कोटा में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला तथा 7 अक्टूबर को नागपुर में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अभियान दल को आशीर्वाद प्रदान करेंगे।
सुनील मंगल कानपुर निवासी एवं पिछले 33 वर्षों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बीमा व्यवसाय से जुड़े हैं तथा अब तक 4000 से अधिक दिव्यांगजनों को व्यावसायिक कौशल विकास के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने में योगदान दे चुके हैं। उन्हें उत्तर प्रदेश का पहला दिव्यांग कार लाइसेंस वर्ष 1999 में प्राप्त हुआ। अब तक 3,50,000 किलोमीटर से अधिक की ड्राइविंग कर चुके हैं और 2022 में लेह-लद्दाख की लंबी यात्रा भी सफलता पूर्वक पूरी कर चुके हैं।
पर्पल फेस्ट गोवा 2025 की यह यात्रा अभियान न केवल दिव्यांगजनों के स्वावलंबन और आत्मविश्वास का प्रतीक है बल्कि समाज को यह संदेश भी देती है कि दिव्यांगजन भी किसी से कम नहीं हैं।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
