श्रीनगर, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । आर्थिक अपराध शाखा (क्राइम ब्रांच कश्मीर) ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) जम्मू-कश्मीर के तहत एक जाली चयन सूची के प्रसार के संबंध में एक मामला दर्ज किया है।
ईओडब्ल्यू ने कहा कि एनएचएम जम्मू-कश्मीर के राज्य नोडल अधिकारी द्वारा रिपोर्ट किए जाने के बाद मामला दर्ज किया गया कि मिशन निदेशक द्वारा हस्ताक्षरित एक फर्जी आदेश सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित किया जा रहा है जिससे उम्मीदवारों में भ्रम पैदा हो रहा है।
यह फर्जी आदेश जिसका शीर्षक अधिसूचना संख्या एसएचएस/एनएचएम/जेण्के/एचआर/10259 दिनांक 10.05.2021 के अंतर्गत विभिन्न पदों (कश्मीर संभाग) के लिए अभ्यर्थियों की अनंतिम चयन सूची है।
शिकायत के बाद पुलिस स्टेशन अपराध शाखा कश्मीर (अब आर्थिक अपराध शाखा) में प्रारंभिक जाँच शुरू की गई।
जांच के दौरान यह सामने आया कि कोविड-19 महामारी के दौरान, एक एनजीओ, जम्मू-कश्मीर हेल्थ केयर सर्विसेज को स्वास्थ्य सेवा निदेशालय, कश्मीर द्वारा कश्मीर के विभिन्न चिकित्सा खंडों में कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए स्वैच्छिक जनशक्ति प्रदान करने के लिए अनुमोदित किया गया था।
ईओडब्ल्यू ने कहा कि हालाँकि उक्त एनजीओ के प्रबंधन सदस्यों ने एक सुनियोजित साजिश के तहत इस अनुमोदन का अनुचित लाभ उठाया। उन्होंने धोखे से स्वयंसेवकों से संपर्क किया, एनएचएम के तहत स्थायी नियुक्ति हासिल करने के बहाने उनके दस्तावेज़ प्राप्त किए और उनसे पैसे भी वसूले। इसके बाद उन्होंने एनएचएम जम्मू-कश्मीर के मिशन निदेशक के जाली हस्ताक्षर करके एक फर्जी चयन सूची तैयार की।
आरोपियों की पहचान अब्दुल कयूम नाइक निवासी चेक फ़िरोज़ पोरा तंगमर्ग बारामुला, अब्दुल कयूम खान निवासी हरवान (वर्तमान में ओमपोरा, बडगाम), मोहम्मद अशरफ हुर्रा निवासी सरिया बाला श्रीनगर, मुश्ताक अहमद सोफी और हिलाल अहमद बहार दोनों निवासी शादीपोरा सुंबल, बांदीपोरा के रूप में हुई है।
बयान में कहा गया है कि उनके कृत्यों से प्रथम दृष्टया आरपीसी की धारा 420, 468, 471, 120-बी और आईटी अधिनियम की धारा 66-डी के तहत दंडनीय अपराधों का पता चलता है। तदनुसार संज्ञान लिया गया है और एक औपचारिक मामला दर्ज किया गया है।
(Udaipur Kiran) / सुमन लता
