Haryana

हिसार : गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने तैयार किया स्मार्ट वजन मॉनिटरिंग सिस्टम

कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई को आईओटी-आधारित वजन मॉनिटरिंग सिस्टम की जानकारी देते डा. विजय पाल सिंह।

स्वास्थ्य, उद्योग और कृषि के लिए वरदान साबित होगा गुजविप्रौवि का अभिनव प्रोजेक्टकुलपति प्रो. नरसी राम ने दी विद्यार्थियों व विभाग की टीम को बधाईहिसार, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । यहां के गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के अंतिम वर्ष तीन के विद्यार्थियों ने एक ऐसा अभिनव इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी)-आधारित वजन मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार किया है, जो स्वास्थ्य से लेकर कृषि और उद्योग तक कई क्षेत्रों में क्रांति ला सकता है। इस परियोजना का मार्गदर्शन इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. विजय पाल सिंह ने किया। ‘आई ओ टी-आधारित वजन मॉनिटरिंग सिस्टम’ नामक इस प्रोजेक्ट में साधारण परंतु सटीक लोड सेल सेंसर को माइक्रोकंट्रोलर और इंटरनेट ऑफ थिंग्स तकनीक से जोड़ा गया है। यह सेंसर वजन को स्वत: मापकर क्लाउड प्लेटफॉर्म पर भेज देता है, जिसे मोबाइल या वेब एप्लीकेशन पर तुरंत देखा जा सकता है। इस प्रकार बिना मानवीय हस्तक्षेप के सटीक और वास्तविक समय में वजन की निगरानी संभव हो जाती है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी विद्यार्थियों के इस प्रयास की सराहना की।विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने शनिवार को कहा कि ऐसे नवाचार गुजविप्रौवि की उस सोच को मजबूत करते हैं, जिसमें शिक्षा केवल किताबों तक सीमित न रहकर समाज के लिए उपयोगी समाधान प्रस्तुत करे। यह प्रोजेक्ट हमारे विद्यार्थियों की क्षमता और उनकी रचनात्मक सोच का प्रमाण है। गुजविप्रौवि के कुलसचिव डॉ. विजय कुमार ने कहा कि हमारा प्रयास है कि विद्यार्थियों को हर संभव मार्गदर्शन और संसाधन मिलें ताकि वे अपने विचारों को वास्तविक नवाचारों में बदल सकें। यह प्रोजेक्ट इसी सोच का परिणाम है।डॉ. विजय पाल सिंह ने कहा कि इस तकनीक की उपयोगिता केवल मापन तक सीमित नहीं है। स्वास्थ्य क्षेत्र में, यह अस्पतालों में मरीजों के वजन पर लगातार नजर रख सकता है या घर पर बुजुर्ग और अस्वस्थ व्यक्तियों की स्थिति पर परिवार को तुरंत सचेत कर सकता है। उद्योगों में, कच्चे माल का स्टॉक स्वत: अपडेट होकर उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला को सुव्यवस्थित कर सकता है। कृषि क्षेत्र में, किसान फसल उत्पादन, खाद की मात्रा या पशुओं के वजन पर निगरानी रख सकते हैं। इससे संसाधनों की बचत और उत्पादकता दोनों बढ़ेंगी।यह प्रोजेक्ट विद्यार्थियों की तकनीकी दक्षता को दर्शाने के साथ-साथ वास्तविक जीवन की समस्याओं का व्यावहारिक समाधान भी प्रस्तुत करता है। आई ओ टी और साधारण सेंसर के मेल से हमने एक ऐसा मॉडल तैयार किया है जिसे अलग-अलग क्षेत्रों की जरूरतों के अनुसार आसानी से अनुकूलित किया जा सकता है। अब विश्वविद्यालय की योजना है कि इस मॉडल को विभिन्न तकनीकी प्रदर्शनियों में प्रस्तुत किया जाए, ताकि उद्योग जगत और समाज के साथ सहयोग कर इसे व्यावसायिक रूप दिया जा सके।गुजविप्रौवि हमेशा से विद्यार्थियों के अभिनव विचारों का केंद्र रहा है। यह वजन मॉनिटरिंग सिस्टम न केवल तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि इस बात का संकेत भी कि भारतीय युवा भविष्य की डिजिटल और स्मार्ट दुनिया बनाने में अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार हैं।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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