
जयपुर, 3 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । जेडीए ने अपना दायरा बढ़ाकर लगभग दोगुना कर लिया है। जेडीए का दायरा अब जयपुर जिले के अलावा कोटपूतली-बहरोड़ जिले तक बढ़ गया है। इसमें विराटनगर तहसील के 9 गांवों को शामिल किया गया है। इसके अलावा 17 तहसीलों के 632 गांवों को भी शामिल किया गया है। इससे जेडीए क्षेत्र 3000 वर्ग किलोमीटर से बढ़कर 6000 वर्ग किलोमीटर हो जाएगा। यह विस्तार शहरीकरण को नियंत्रित करने और परिवहन, आवास व औद्योगिक क्षेत्रों की बेहतर योजना बनाने के लिए किया गया है। वहीं जेडीए के जोन भी बढ़ाकर 27 किए जाने की तैयारी की जा रही है। इसकों लेकर शुक्रवार को राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है।
जेडीए रीजन में गांव आने का सबसे ज्यादा फायदा रोड नेटवर्क को लेकर होगा। वहीं अब इन गांवों में बसने वाली योजनाओं को मंजूरी और जमीनों का भू-उपयोग परिवर्तन (कृषि से अकृषि उपयोग) की मंजूरी भी जेडीए स्तर पर दी जाएगी। जोबनेर, शाहपुरा और चाकसू नगर पालिका के मास्टर प्लान के गांवों को भी शामिल किया गया है। आंधी, बस्सी, चाकसू, चौमूं, दूदू, जालसू, जमवारामगढ़, जोबनेर, कोटखावदा, किशनगढ़-रेनवाल, माधोराजपुरा, विराटनगर, तूंगा, शाहपुरा, फुलेरा, फागी, मौजमाबाद तहसीलों के कुल 632 गांवों को इसमें शामिल किया गया है। जोबनेर, शाहपुरा और चाकसू तहसील के 47 गांव भी मास्टर प्लान में शामिल किए गए है। वहीं जयपुर, चौमूं और सांगानेर तहसील के 14 गांव जो पहले जेडीए रीजन में शामिल होने से रह गए थे, उन्हें भी शामिल किया गया है। बढ़ेगी रोड कनेक्टिविटी जेडीए रीजन में गांव आने का सबसे ज्यादा फायदा रोड नेटवर्क को लेकर होगा। आज भी कई गांव ऐसे हैं, जहां आबादी बढ़ गई है। लेकिन इसके अनुरूप सेक्टर रोड नहीं हैं। 80 फीट या उससे ज्यादा चौड़ाई की सड़कों का निर्माण जेडीए स्तर पर ही करवाया जाता है। इससे इन गांवों की कनेक्टिविटी दूसरे गांवों, कस्बों और शहरों से आसान बनती है। इन गांवों को शामिल करने के बाद जेडीए अब भविष्य का मास्टर प्लान तैयार करेगा। इनमें इन गांवों की जरूरतों, उसके रोड नेटवर्क और भविष्य में किए जाने वाले विकास कार्यों को देखते हुए डेवलपमेंट किया जाएगा। इसके अलावा गांवों में जो सिवायचक (सरकारी) और खातेदारी की जमीनें हैं, उनका लैंड यूज निर्धारण भी जेडीए स्तर पर किया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / राजेश
