
-केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने गुरुग्राम में अधिकारियों के साथ बैठक में दी यह जानकारी
-नजफगढ़ ड्रेन के अलावा यमुना तक बरसाती पानी पहुंचाने के लिए नई परियोजना पर हुई चर्चा
गुरुग्राम, 3 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । शहर में वर्षा के दौरान जलभराव की समस्या के समाधान के लिए नजफगढ़ ड्रेन के साथ-साथ एक अन्य वैकल्पिक योजना भी तैयार की जाएगी। इस योजना के तहत गुरुग्राम से पलवल जिला में यमुना तक एक नई ड्रेन तैयार होगी। यह ड्रेन गुरुग्राम से सोहना, नूंह जिला होते हुए पलवल तक जाएगी। यह बात केंद्रीय विद्युत व आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को यहां पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाऊस में अधिकारियों की बैठक के दौरान कही। बैठक में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह भी बैठक में उपस्थित रहे।
मनोहर लाल ने कहा कि गुरुग्राम न केवल हरियाणा, बल्कि देश का एक प्रमुख शहर है। ऐसे में जलभराव को लेकर नागरिकों की चिंताओं के समाधान के लिए सरकार गंभीरता से कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि अब तक गुरुग्राम में वर्षा का पानी केवल नजफगढ़ ड्रेन के माध्यम से ही यमुना नदी में पहुंचता है, लेकिन नजफगढ़ ड्रेन की भी एक क्षमता है। ऐसे में गुरुग्राम शहर की समस्या के स्थाई समाधान के लिए हमें नए विकल्पों पर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि पलवल जिला में यमुना तक नई ड्रेन एक प्रमुख विकल्प है। भारत सरकार की ओर से भी दिल्ली और गुरुग्राम में वर्षा जलभराव की समस्या के स्थाई समाधान के लिए नई परियोजना पर कार्य करने की सहमति है। उन्होंने बैठक में उपस्थित सिंचाई व अन्य विभागों के विशेषज्ञों से परियोजना पर खुलकर चर्चा की तथा इस परियोजना को लेकर आवश्यक सुझाव भी लिए।
एक महीने के भीतर परियोजना को लेकर रिपोर्ट करें तैयार
केंद्रीय मंत्री ने बैठक में अधिकारियों के साथ गुरुग्राम से पलवल तक कनेक्टिविटी को लेकर व्यापक विचार विमर्श किया। उन्होंने ड्रेन के मार्ग में भौगोलिक परिस्थितियों को भी देखते हुए अपने सुझाव रखते हुए कहा कि पूरे क्षेत्र का अध्ययन किया जाए, पानी के प्राकृतिक प्रवाह के साथ-साथ पहाड़ी क्षेत्र में लिफ्ट करने के विकल्प पर भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस परियोजना के लिए जीएमडीए व सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारी मिलकर विस्तृत अध्ययन रिपोर्ट एक महीना के भीतर तैयार करें ताकि आगामी एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की बैठक में इसको रखा जा सके। उन्होंने कहा कि अगले 15 दिन के भीतर वे स्वयं भी इस कार्य की प्रगति की समीक्षा करेंगे। साथ ही गुरुग्राम व आस-पास सरकारी भूमि पर बने जलाशयों की रिपोर्ट भी तैयार करने के निर्देश दिए।
(Udaipur Kiran)
