
उत्तरकाशी, 3 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) ।उत्तरकाशी में डिजिटल पत्रकार राजीव प्रताप की रहस्यमयी मौत के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। लंबे समय से चल रही चर्चाओं और संदेहों के बीच पुलिस उपाधीक्षक जनक सिंह पंवार ने पत्रकारों को स्पष्ट किया है अभी तक कि तमाम जांच यह हत्या नहीं बल्कि एक सड़क दुर्घटना थी।
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज और सबूतों से यह साबित हुआ कि राजीव प्रताप दुर्घटना के समय शराब के नशे में थे। फुटेज में वे लड़खड़ाते हुए चलते और गाड़ी को गलत दिशा में चलाते हुए दिखाई दिए।
उन्होंने बताया कि 18 सितंबर की शाम करीब 7 बजे राजीव प्रताप अपने पूर्व विद्यार्थी और कैमरामैन मनबीर कलूड़ा तथा पुलिस लाइन में तैनात मुख्य आरक्षी सोबन सिंह से मिलने पहुंचे।
तीनों ने टैक्सी स्टैंड पर देर रात तक शराब पी। रात करीब 10 बजे सोबन सिंह वहां से निकल गए लेकिन राजीव के कहने पर वापस लौटे। इसके बाद दोनों बाजार गए, होटल में खाना खाया और फिर शराब पी।
रात करीब 11 बजे होटल से बाहर आने पर राजीव नशे में लड़खड़ाते हुए दिखे। थोड़ी देर बाद दोनों गाड़ी में बैठे, लेकिन बाद में सोबन सिंह बाहर आ गए और राजीव खुद ड्राइविंग सीट पर बैठ गए।
आखिरी सफर – सीसीटीवी फुटेज में राजीव अकेले जांच में सामने आया कि रात 11:24 बजे सोबन सिंह ने राजीव से फोन पर बात की। इसके बाद राजीव की गाड़ी बद्री तिराहा, तेखला पुल और गंगोरी पुल के सीसीटीवी कैमरों में दर्ज हुई। हर जगह गाड़ी में केवल राजीव ही दिखाई दिए।
गंगोरी पुल के बाद वाहन का कोई फुटेज सामने नहीं आया। पुलिस का अनुमान है कि करीब 11:40 बजे गाड़ी वहीं दुर्घटनाग्रस्त हो गई। पुलिस ने राजीव की पुरी हिस्ट्री खंगाली की कोई लेन देन कि कोई रंजिश तो नहीं पुलिस ने बताया कि राजीव प्रताप पर के खिलाफ वर्ष जुलाई 2023 में देहरादून नेहरू नगर थाना में धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। जो बाद में आपसी राजनमा से निपटा लिया गया था। वहीं राजीव प्रताप के जिला न्यायालय में चेक बाउंस मामले भी सामने आ रहे है।
जिसमें एक मामले में 7 अक्टूबर को न्यायालय में उपस्थित होने कि अंतिम अवसर दिया गया है।
इधर राजीव प्रताप ने एक बैंक से लोन ले रखा था जिसके गारंटर एक पुलिस कर्मी बताया गया । बताया जा रहा कि बैंक बार -बार पुलिस कर्मी को परेशान कर रहा था। और पुलिस कर्मी राजीव को बैंक का लोन जमा करवाने का बार बार बोल रहे थे।अब लोग इस पूरे घटनाक्रम के बाद राजीव को डिप्रेशन में होने से भी मना नहीं कर रहे है।
पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि इस मामले की विवेचना एसआई दिलमोहन बिष्ट को सौंपी गई है। पुलिस ने कहा कि पूरे केस की बारीकी से जांच जारी है और तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी
(Udaipur Kiran) / चिरंजीव सेमवाल
