
हिसार, 3 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजबीर
सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन और कृषि विभाग किसानों को पराली न जलाने और फसल अवशेष
प्रबंधन अपनाने के लिए लगातार जागरूक कर रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को बास और नारनौंद
ब्लॉक में विशेष जागरूकता शिविरों का आयोजन किया गया, जिनमें बड़ी संख्या में किसान
उपस्थित हुए।
उपनिदेशक डॉ. राजबीर सिंह ने शुक्रवार बास ब्लॉक में आयोजित शिविर के दौरान किसानों
को संबोधित करते हुए कहा कि पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है, जिससे न केवल पर्यावरण
को नुकसान होता है बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी घटती है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन
और कृषि विभाग की प्राथमिकता है कि आने वाली पीढिय़ों को प्रदूषण मुक्त वातावरण मिले।
इसके लिए गांव-गांव में कैंप लगाकर और मुनादी करवा कर किसानों को लगातार जागरूक किया
जा रहा है। इस दौरान उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि पराली प्रबंधन को अपनाकर
न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करें बल्कि इसे अतिरिक्त आय का साधन भी बनाएं।
उपनिदेशक
डॉ. राजबीर सिंह ने पराली को खेत में ही मिलाकर मृदा स्वास्थ्य को सुधारा जा सकता है
और इससे कम्पोस्ट, बायो-सीएनजी, बायो-कोयला तथा पशु चारे का निर्माण भी संभव है। इस
प्रकार फसल अवशेष किसानों के लिए अतिरिक्त आय का साधन भी बन सकते हैं। उन्होंने किसानों
को सुपर सीडर, सुपर एसएमएस, जीरो-टिल सीड ड्रिल जैसी आधुनिक मशीनों की जानकारी दी और
बताया कि सरकार इन मशीनों पर सब्सिडी, कस्टम हायरिंग सेंटर और विभागीय सहयोग के माध्यम
से किसानों को सहायता प्रदान कर रही है।
इसी प्रकार नारनौंद ब्लॉक में भी एसडीएम विकास यादव व ब्लॉक कृषि अधिकारी पवन
भारद्वाज की उपस्थिति में जागरूकता शिविर आयोजित कर किसानों को पराली प्रबंधन बारे
जागरूक किया गया। अधिकारियों ने किसानों को प्रेरित किया कि वे पराली को जलाने की बजाय
वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाएं और स्वच्छ पर्यावरण के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
