West Bengal

दशहरा के बाद फिर बाढ़ का खतरा, डिवीसी से छोड़े गए पानी ने बढ़ाई चिंता

लक्सर में बढ़ते जलस्तर का दृश्य, सोलानी नदी की उफान से खेतों में भर चुका है पानी। ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ की आशंका गहराई

कोलकाता, 03 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । पश्चिम बंगाल में दशहरा खत्म होते ही फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। गुरुवार को विजयादशमी की सुबह से ही राज्य के कई जिलों में बारिश शुरू हो गई थी। शनिवार को भी ऐसा ही मौसम रहने वाला है। इस बीच, झारखंड के तेनुघाट जलाशय से दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डिवीसी) ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया है, जिससे दक्षिण बंगाल के कई इलाकों में नए सिरे से जलजमाव और बाढ़ की आशंका गहराने लगी है।

इससे पहले दुर्गा पूजा से ठीक पहले लगातार हुई भारी बारिश और डिवीसी से छोड़े गए पानी के कारण राज्य के कई जिलों में बाढ़ आ चुकी थी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उस बाढ़ के लिए डिवीसी को जिम्मेदार ठहराया था। अब दशहरा खत्म होते ही फिर उसी तरह की स्थिति बनने का खतरा पैदा हो गया है।

डिवीसी और प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार शाम लगभग सात बजे झारखंड के तेनुघाट जलाशय से करीब 21 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। बताया जा रहा है कि शुक्रवार सुबह तक जलाशय का जलस्तर 860 फुट तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान के बेहद करीब है। यही पानी पंंचेत तक पहुंच रहा है। देर रात तक मैथन और पंंचेत जलाशयों से भी 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने की संभावना जताई गई है।

इधर, मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि निम्न दबाव के कारण एकादशी और द्वादशी के दिन भी बारिश होगी। ऐसे में लक्ष्मी पूजा से पहले ही दक्षिण बंगाल के विस्तृत क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बनने का खतरा और बढ़ गया है। झारखंड और बिहार में भी लगातार बारिश हो रही है, जिसका सीधा असर बंगाल के जिलों पर पड़ सकता है।

पिछली बार की तबाही अभी पूरी तरह से थमी भी नहीं थी कि दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के बीच नई आशंका खड़ी हो गई है। प्रशासन अलर्ट पर है, लेकिन स्थानीय लोगों में चिंता बनी हुई है कि डिवीसी से छोड़े गए पानी और लगातार बारिश के कारण कुछ लोगों को घर छोड़ना पड़ सकता है। राज्य सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूरी स्थिति पर नजर रखी जा रही है। आधिकारिक छुट्टी के बावजूद सचिवालय से हालात पर निगरानी बनी हुई है। आपदा प्रबंधन विभाग को ऐसी स्थिति में तत्काल कदम उठाने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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