

—बारिश से बरेका में रावण का पुतला गिरा,क्रेन से सही कराया गया
वाराणसी, 3 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी काशी में गुरूवार को बुराई पर सच्चाई का प्रतीक विजय दशमी पर्व रिमझिम बारिश के बीच हर्षोल्लास से मनाया गया। रामलीला में जगह—जगह भगवान राम और लंकापति रावण के बीच घनघोर युद्ध में प्रतीक रूप से रावण के मरते ही रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के विशाल पुतले आतिशबाजी के बीच जलाए गए। वाराणसी में सबसे पहले मलदहिया चौराहे पर रावण का पुतला दहन किया गया। समाज सेवा संघ की ओर से आयोजित रामलीला में प्रभु श्रीराम ने भाई लक्ष्मण और हनुमान के साथ रावण से युद्ध किया और फिर उसका वध किया। इसके बाद विशाल पुतले में आग लगते ही रावण धूं-धूं कर जलने लगा और पूरा इलाका श्रीराम चंद्र की जय के नारों से गूंज उठा। इस दौरान पूरा मलदहिया क्षेत्र राजा राम के जय के नारों से गूंज उठा। इसी क्रम में बनारस रेल इंजन कारखाना के खेल मैदान में सबसे बड़ा 70 फीट ऊंचा रावण, 55 फीट मेघनाथ, 60फीट उंचे कुंभकरण के पुतले उल्लासपूर्ण माहौल में जलाए गए। इसके पहले बारिश के चलते रावण का पुतला गिर गया। जिसे आयोजकों ने क्रेन के जरिए सही तरीके से खड़ा करवाया। पुतला दहन के पहले खेल मैदान पर रामलीला में तीन घंटे के रूपक का मंचन हुआ। मैदान में अयोध्या, लंका, किष्किंधा पर्वत, समुद्र, अशोक वाटिका समेत कई स्थानों को तैयार किया गया। श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, हनुमान, रावण, कुंभकर्ण बने कलाकारों ने जीवंत प्रस्तुति दी। राम वन-गमन, सीता हरण, लंका दहन, लक्ष्मण पर शक्ति प्रयोग, राम विलाप, सीता अग्निपरीक्षा आदि विविध प्रसंगों को जीवंत देख मैदान पर मौजूद लीला प्रेमी और बच्चे आह्लादित दिखे। इसके बाद रावण के विशालकाय पुतले का दहन किया गया। रावण,मेघनाथ,कुंभकर्ण के पुतले के दहन के दौरान जमकर आतिशबाजी होती रही। इस दौरान खेल मैदान पर सुरक्षा का व्यापक प्रबंध किया गया था। श्रद्धालुओं को बैठने के लिए कुर्सियां लगाई गई थीं। इसी क्रम में सारनाथ थाना क्षेत्र के तिलमापुर में दहन के लिए तैयार रावण का पुतला बारिश के चलते भींग गया। जिसके चलते आयोजकों को इसे जलाने में समय लग गया। कैंट थाना क्षेत्र के अर्दली बाज़ार स्थित मंदिर के सामने रावण दहन सकुशल संपन्न हुआ। पुलिस लाइन में पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने पुलिस परिवार के साथ दशहरा मना रावण,मेघनाथ और कुम्भकर्ण के पुतले का दहन किया। इस दौरान पुलिस कमिश्नर ने कहा कि दशहरा हमें सिखाता है कि असत्य और अन्याय का अंत निश्चित है। पुलिस भी इसी आदर्श को आत्मसात कर समाज में न्याय और सुरक्षा की स्थापना के लिए सतत प्रयासरत है। उन्होंने दशहरे के महत्व को भी बताया। इस अवसर पर पुलिस कमिश्नर ने पुलिस लाइन में मौजूद पुलिस कर्मियों एवं उनके परिजनों से भी मुलाकात की। और सभी को महापर्व की बधाई दी।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
