मुंबई, 2 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । महानगर के लोगों के लिए राहत की खबर है। मानसून संबंधी बीमारियों में बड़ा बदलाव देखा गया है। पिछले एक महीने में मलेरिया और चिकनगुनिया सहित कई जलजनित बीमारियों में कमी देखी गई है।
बीएमसी की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त महीने की तुलना में मानसूनी बीमारियों में कमी आई है। अगस्त और सितंबर 2025 के बीच मलेरिया और चिकनगुनिया के मामलों में कमी आई है. अगस्त में मलेरिया के मामले 1,553 से घटकर सितंबर महीने में 1,411 हो गए। इसी अवधि के दौरान चिकनगुनिया के मामले भी 220 से घटकर 139 हो गए। डेंगू के मामलों में मामूली वृद्धि देखी गई है, जो 1,159 से बढ़कर 1,384 हो गए। लेकिन पिछले साल के आंकड़ों से कम हैं। गैस्ट्रो एंटेराइटिस के मामले 592 से घटकर 442 और हेपेटाइटिस के मामले 197 से घटकर 176 हो गए। कोविड-19 के मामलों में भी गिरावट देखी गई है। कोरोना के अगस्तम में 17 और सितंबर में 8 मामले सामने आए थे.
मानसूनी बीमीरियों से निपटने के लिए बीएमसी की ओर से घर-घर सर्वेक्षण अभियान चलाया जा रहा है। सितंबर महीने में 10.3 लाख से अधिक घरों का सर्वे किया गया और 49.5 लाख लोगों के बुखार की जांच की गई। स्वास्थ्य टीमों ने संपर्क ट्रेसिंग के लिए लगभग 1.86 लाख रक्त स्लाइड एकत्र की थी। मलेरिया के लिए 57,500 से अधिक और डेंगू के 23,700 से अधिक प्रजनन स्रोतों का निरीक्षण किया गया। लगभग 61,000 से अधिक बेकार वस्तुओं और टायरों को हटाया गया। करीब 60,000 लोगों को लेप्टोस्पायरोसिस की रोगनिरोधी दवा वितरित की गई हैं। इसके अलावा 42,339 इमारतों और 6.68 लाख झोपड़ियों में फ़ॉगिंग की गई है। मनपा अस्पतालों और प्रसूति गृहों में भी सफ़ाई अभियान चलाए जा रहे हैं।
बीएमसी अधिकारियों के अनुसार मुंबई में बारिश के कारण बाढ़, नमी और भीड़भाड़ के कारण बीमारियाँ बढ़ जाती हैं। लेप्टोस्पायरोसिस, गैस्ट्रोएंटेराइटिस, डेंगू, फंगल संक्रमण और अस्थमा का प्रकोप आम है। बचाव सबसे ज़रूरी है। तेज़ दर्द, उल्टी या सांस लेने में तकलीफ़ के साथ बुखार आने पर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है। समय पर की गई सावधानियां जान बचा सकती हैं। बुखार के लक्षण दिखाई देते ही तुरंत डॉक्टरों से सलाह लेनी चाहिए।
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(Udaipur Kiran) / वी कुमार
