शिमला, 02 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । हिमाचल प्रदेश में गुरुवार रात से 108 व 102 एम्बुलैंस सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई हैं। कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार और प्रबंधन के खिलाफ हड़ताल का ऐलान किया है। गुरुवार रात 8 बजे से शुरू हुई यह हड़ताल शुक्रवार रात 8 बजे तक जारी रहेगी। इस बीच आपातकालीन सेवाएं बाधित होने से मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
एम्बुलैंस कर्मचारी यूनियन ने साफ किया है कि यदि सरकार ने उनकी मांगें जल्द नहीं मानीं तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। यूनियन से जुड़े सीटू के प्रदेश प्रधान सुनील दत्त और महासचिव बालक राम ने कहा कि एन.एच.एम. के अधीन मैडस्वान फाउंडेशन प्रबंधन की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ यह कदम उठाना पड़ा है। उनका आरोप है कि कर्मचारियों का लंबे समय से शोषण हो रहा है। न तो उन्हें न्यूनतम वेतन दिया जा रहा है और न ही 12 घंटे की ड्यूटी के बदले ओवरटाइम का भुगतान। अदालतों और श्रम विभाग के आदेशों के बावजूद कर्मचारियों की स्थिति जस की तस बनी हुई है।
यूनियन नेताओं ने बताया कि कर्मचारियों को नियमानुसार छुट्टियां नहीं मिलतीं, पी.एफ. और ई.एस.आई. में भारी गड़बड़ियां हैं और उन्हें मानसिक तौर पर परेशान करने की घटनाएं लगातार हो रही हैं। कई बार यूनियन पदाधिकारियों का तबादला कर दिया जाता है या फिर उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जाता है। इतना ही नहीं, बिना कारण महीनों तक ड्यूटी से बाहर रखकर कर्मचारियों को डराया-धमकाया भी जाता है।
कर्मचारियों ने सरकार और प्रबंधन से मांग की है कि उन्हें सरकारी नियमों के मुताबिक वेतन दिया जाए, 12 घंटे ड्यूटी पर डबल ओवरटाइम मिले, सभी तरह की छुट्टियां और स्वास्थ्य सुविधा सुनिश्चित हों, वाहनों की देखरेख और बीमा व्यवस्था दुरुस्त की जाए, और श्रम कानूनों को पूरी तरह लागू किया जाए। इसके साथ ही लंबित ई.एल. व पी.एल. का तुरंत भुगतान करने और स्थानांतरण नीति लागू करने की भी मांग उठाई गई है। यूनियन का कहना है कि जब तक इन मांगों पर ठोस कदम नहीं उठाए जाते, आंदोलन जारी रहेगा और जरूरत पड़ने पर इसे और आक्रामक रूप दिया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
