Uttrakhand

धू-धू कर जला अहंकारी रावण का पुतला, मुख्यमंत्री बोले-धर्म और मानवता की राह पर चलने का लें संकल्प

परेड मैदान में रावण का पुतला जलते हुए।
मुख्यमंत्री परेड ग्राउंड में दशहरा कार्यक्रम में।
मुख्यमंत्री देहरादून स्थित परेड मैदान में दशहरा कार्यक्रम को संबोधित करते ।

देहरादून, 2 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा देहरादून सहित प्रदेशभर में धूमधाम में मनाया गया। बन्नू बिरादरी ने परेड ग्राउंड पर आयोजित 78वां दशहरा महोत्सव में अहंंकार के प्रतीक रावण के साथ मेघनाथ व कुंभकरण के पुतलों का दहन किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमें यहां सिर्फ पुतला दहन नहीं करना है,बल्कि इस त्योहार से प्रेरणा लेकर हम सभी को अपने अंदर की बुराइयों का त्याग कर सत्य, धर्म और मानवता की राह पर चलने का संकल्प भी लेना है।

इससे पहले नगर में श्रीराम की शोभायात्रा यात्रा दिन में 2 बजे कालिका माता मंदिर मार्ग स्थित गोपीनाथ मंदिर से शुरू हुई। फूलों से सजी ट्राॅली में विराजमान विभिन्न किरदार निभाने वाले कलाकारों का श्री कालिका मंदिर समिति समेत कई जगह पुष्पवर्षा कर श्रद्धालुओं ने स्वागत किया। अंसारी मार्ग, पलटन बाजार, घंटाघर, एस्लेहॉल गांधी पार्क से होते हुए शोभायात्रा परेड ग्राउंड पर साढ़े पांच बजे पहुंची। दशहरा के उल्लास में डूबे शहरवासियों ने बैंड और ढोल पर जमकर नृत्य कर श्रीराम के जयकारे लगाए। इसी बीच परेड ग्राउंड इलाके में तेज हवा के साथ वर्षा हुई। रावण वध के बाद अहंंकार के प्रतीक रावण के 121 फुट ऊंचे और 70-75 फुट के मेघनाथ व कुंभकरण के पुतले और उनकी लंका दहन किया गया। इस दौरान करीबन आधे घंटे तक विशेष आतिशबाजी हुई। आकर्षक लाइटिंग से लंका के साथ ही पुतलों को सजाया गया है। अब कल 3 अक्टूबर को भरत-मिलाप कार्यक्रम भी परेड ग्राउंड पर शाम 4 बजे आयोजित किया जाएगा।

इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दशहरे का पर्व न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अमूल्य हिस्सा है बल्कि यह पर्व हमें मानव जीवन में धर्म, सत्य और मर्यादा के महत्व का बोध भी कराता है। यह हमें रावण जैसे अहंकारी और अधर्मी के अंत और भगवान श्रीराम के आदर्श जीवन के गुणों का स्मरण कराता है। विजयादशमी पर्व हमें हर वर्ष यह भी याद दिलाता है कि अभी भी समाज में कई ’’रावणों’’ का संहार करना बाकी है। समय बदल गया है, लेकिन रावण आज भी अलग-अलग रूपों में हमारे बीच मौजूद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वभर के करोड़ों सनातन प्रेमियों के आस्था के केंद्र भगवान श्रीराम ने सद्गुण और धर्म के महत्व को रेखांकित करने के लिए ही इस संसार में जन्म लिया। श्रीराम का आदर्श जीवन हमें यह सिखाता है कि जीवन में कितनी भी विपरीत परिस्थितियां क्यों न हों,हमें अपने सिद्धांतों और वचनों का पालन अवश्य करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विजयदशमी के अवसर पर सभी उत्तराखंडवासी यह संकल्प लें कि हम प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सफल बनाने में अपना पूरा योगदान देंगे। साथ ही देश को विश्व गुरु बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने के लिए भी हम सब मिलकर कार्य करेंगे। आने वाले समय में उत्तराखंड पूरे देश और विश्व के लिए एक आदर्श राज्य बन सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभु श्रीराम के आदर्शों से प्रेरणा लेकर उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के अपने “विकल्प रहित संकल्प’’ को पूर्ण करने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं।इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजानदास, सविता कपूर सहित जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित थे।

(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

Most Popular

To Top