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रावण दहन: कहीं 50 तो कहीं  105 फीट के दशकंधर का हुआ दहन

रावण दहन: कहीं 50 तो कहीं  105 फीट के दशकंधर का हुआ दहन

जयपुर, 2 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । बुराई के प्रतीक रावण के पुतले गुरुवार को अट्टहास करते हुए जला । राजधानी में सैंकड़ों स्थानों पर रावण दहन किया गया । एक दर्जन से अधिक स्थानों पर रावण के पचास से एक सौ इस फीट तक के पुतलों का दहन किया गया ।

छोटीकाशी में गुरुवार को आदर्शनगर, विद्याधरनगर, न्यूगेट स्थित राम लीला मैदान, शास्त्री नगर में राष्ट्रपति मैदान, झोटवाड़ा में नांगल जैसा बोहरा, कालवाड़ रोड, प्रतापनगर, सांगानेर सहित सैकड़ों स्थानों पर रावण के पुतले धूमधाम से जलाए गए। लोगों ने परिवार सहित रावण दहन के दृश्य का आनंद लिया। कई स्थानों पर दशहरा मेलों का आयोजन हुआ, जहां खाने-पीने और बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले एवं स्टॉल्स का विशेष प्रबंध किया गया। विद्याधर नगर स्टेडियम में रावण दहन से पूर्व रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। यहां करीब सौ फीट का रावण दहन किया गया। आदर्शनगर दशहरा मैदान में 105 फीट ऊंचे रावण और 90 फीट ऊंचे कुंभकरण के पुतलों का दहन हुआ। रावण दहन से पूर्व रंगीन आतिशबाजी का नजारा देखने को मिला। नियाग्रा फॉल्स जैसे झरने, स्टार वार जैसी झलक और आकाश में धूमकेतु, चमकीली अशरफियां और फूलों की वर्षा ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। जैसे ही भगवान श्रीराम के स्वरूप ने रावण की नाभि में अग्निबाण छोड़ा, रावण धू-धू कर जल उठा। बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने जय श्रीराम के जयकारों के बीच इस ऐतिहासिक दृश्य का आनंद लिया। इसके बाद राम मंदिर में भगवान श्रीराम का राजतिलक सम्पन्न हुआ।

यहां भी धाराशायी हुआ अहंकार

न्यू गेट स्थित रामलीला मैदान में 51 फीट का रावण का दहन किया गया। रामलीला मंचन के दौरान राम बने पात्र ने रावण की नाभि में अग्निबाण छोड़ा तो रावण धू धू जलने लगा।

प्रतापनगर में जला गोकाष्ठ का रावण

प्रताप नगर विकास समिति की ओर से प्रतापनगर में कुंभा मार्ग पर इस बार पहली बार गोकाष्ठ से बने रावण का दहन किया गया। रावण दहन से पूर्व शानदार आतिशबाजी ने लोगों को रोमांचित किया।

समिति के अध्यक्ष गोपीचंद गुर्जर, महासचिव ओमप्रकाश बाहेती ने बताया कि 51 फीट लंबा रावण देसी नस्ल की गाय के गोबर और अनुपयोगी चारे से बनाया गया।। इस मौके पर अनिल बनेठा वाले और गायक राजीव विजयवर्गीय को सम्मानित किया गया।

शास्त्री नगर, झोटवाड़ा, मुरलीपुरा, कालवाड़ रोड, सांगानेर सहित विभिन्न क्षेत्रों में भी विजयादशमी पर्व पर रावण दहन उत्साहपूर्वक सम्पन्न हुआ। अनेक स्थानों पर दशहरा मेलों का आयोजन कर श्रद्धालुओं के लिए खान-पान और मनोरंजन के विशेष इंतजाम किए गए।

राम-लक्ष्मण के रूप में हुआ कृष्ण-बलराम का श्रृंगार

अधर्म पर धर्म की विजय का पर्व विजयादशमी गुप्त वृन्दावन धाम में बड़े ही भव्य और आध्यात्मिक वातावरण में सम्पन्न हुआ। सुबह से देर रात तक धार्मिक उत्सव का उल्लास छाया रहा।

मंदिर परिसर को फूलों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया था। श्री कृष्ण बलराम का राम-लक्ष्मण के रूप में मनमोहक श्रृंगार किया गया। नाम रामायण पाठ, भजन-कीर्तन और संकीर्तन के बीच श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। इस अवसर पर 40 कलाकारों ने रामलीला मंचन किया जिसमें ‘भरत का विरह प्रेम’ प्रसंग ने सभी को भावुक कर दिया। इसके बाद परंपरागत रूप से रावण दहन किया गया।

कार्यक्रम में भगवान की पालकी उत्सव यात्रा भी निकाली गई। भक्तगण संकीर्तन पर झूमते-नाचते दिखाई दिए।

गुप्त वृन्दावन धाम में विजयादशमी पर उमड़ा जनसैलाब

जगतपुरा स्थित गुप्त वृंदावन धाम में अधर्म पर धर्म की विजय का पर्व विजयादशमी धूमधाम से मनाया गया । गुरुवार को दशहरे के दिन गुप्त वृंदावन धाम में रामलीला के मंचन के साथ रावण दहन किया गया । रावण दहन को देखने के लिए मंदिर परिसर पर जन सैलाब उमड़ पड़ा । विजयादशमी पर मंदिर परिसर में सुबह से संध्या तक विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया । गुरुवार को श्री श्री कृष्ण बलराम का मनमोहक राम लक्ष्मण अलंकार किया गया , साथ ही पूरे मंदिर प्रांगण को फूलों और रंग बिरंगी रोशनी से सजाया गया । इस पर्व पर 40 कलाकारों ने रामलीला में भरत का विरह प्रेम का मंचन किया । जिसके पश्चात रावण दहन किया गया । इससे पूर्व भगवान की पालकी उत्सव में संकीर्तन का आयोजन हुआ । जिसमें भक्त भाव विभोर होकर नाचने लगे ।

गुप्त वृन्दावन धाम के अध्यक्ष अमितासना दास ने कहा की इस दशहरे हम अपने अन्दर बुराई रुपी रावण को मारने का प्रण लिया गया , विजयादशमी बुराई (अधर्म) पर अच्छाई (धर्म) की विजय का प्रतीक है। उन्होंने बताया की दशहरे उत्सव पर मंदिर में राम रामायण का पाठ का आयोजन के बाद महाआरती के बाद महोत्सव का समापन किया गया ।

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(Udaipur Kiran)

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