
-पूजा पंडाल में महिलाओं ने पारंपरिक ‘सिंदूर खेला’ के साथ देवी दुर्गा को दी भावभीनी विदाई
गुवाहाटी, 02 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । दुर्गा पूजा के अंतिम दिन को महादशमी या विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है। असम की महिलाओं ने इस दिन सिंदूर खेला। पारंपरिक परिधानों में सजी महिलाओं ने एक-दूसरे के चेहरे पर सिंदूर लगाया, जो मूर्ति विसर्जन से पहले देवी दुर्गा को विदाई का प्रतीक है।
एक प्रतिभागी ने कहा, मां दुर्गा को विदाई देते समय यह एक विशेष एहसास तो है ही, साथ ही भावनात्मक भी है। एक-दूसरे को सिंदूर लगाना हमारे परिवारों के लिए आशीर्वाद मांगने और नारीत्व का जश्न मनाने का हमारा तरीका है।
रिवाज के अनुसार, इस अनुष्ठान की शुरुआत विवाहित महिलाओं द्वारा देवी के माथे और पैरों पर सिंदूर लगाने, उन्हें मिठाई चढ़ाने और फिर एक-दूसरे को सिंदूर देने से होती है। कार्यक्रम का समापन महिलाओं द्वारा एक-दूसरे को बधाई, मिठाइयां और आने वाले वर्ष के लिए हार्दिक शुभकामनाओं के आदान-प्रदान के साथ हुआ।
सिंदूर खेला के बाद पंडालों से प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जाने की प्रक्रिया आरंभ हुई। राज्य के अन्य हिस्सों के साथ ही गुवाहाटी के लचित घाट और पांडु घाट पर ब्रह्मपुत्र नदी में प्रतिमा विसर्जन की प्रक्रिया सुबह हुई।
गुवाहाटी पुलिस ने जनता और श्रद्धालुओं से तय रास्तों का पालन करने और यातायात कर्मियों के साथ सहयोग करने का आग्रह किया है।
—————–
(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय
