
जयपुर, 2 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि वैक्सीनेटर का काम नर्स ग्रेड द्वितीय से अलग है। ऐसे में नर्स ग्रेड द्वितीय भर्ती में वैक्सीनेटर के तौर पर जारी अनुभव प्रमाण पत्र का लाभ नहीं दिया जा सकता। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार की किसी योजना में कार्य अनुभव के आधार पर बोनस अंक देने का प्रावधान है, लेकिन इसकी प्रकृति विज्ञापित पद से मेल खानी चाहिए। अदालत ने कहा कि हाईकोर्ट अलग-अलग पदों के कार्यो की समानता तय नहीं कर सकता और याचिकाकर्ताओं ने ऐसा कोई साक्ष्य पेश नहीं किया, जिससे साबित हो कि वैक्सीनेटर और नर्स की जिम्मेदारियां समान हैं। जस्टिस आनंद शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश सुरेन्द्र गुप्ता व छह अन्य की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए दिए।
याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने नर्स ग्रेड द्वितीय पद के लिए भर्ती निकाली है। जिसमें याचिकाकर्ताओं ने आवेदन किया है। याचिकाकर्ताओं ने करीब दो साल तक वैक्सीनेटर के रूप में काम किया है। वहीं उनके पास मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की ओर से जारी कार्य अनुभव प्रमाण पत्र भी है। ऐसे में उन्हें इस अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर नर्स ग्रेड द्वितीय के लिए बोनस अंक देकर नियुक्ति दी जाए। जिसे अदालत ने खारिज करते हुए कहा कि दोनों पक्षों की प्रकृति और जिम्मेदारियां अलग-अलग हैं। ऐसे में उनके वैक्सीनेटर के रूप में किए गए कार्यो के अनुभव का लाभ नर्स ग्रेड द्वितीय भर्ती में नहीं दिया जा सकता।
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(Udaipur Kiran)
