जम्मू, 2 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) ।
पुलवामा जिले का दर्जा मिलने के 40 वर्ष बाद भी पुलवामा के लोगों की मातृत्व अस्पताल की मांग पूरी नहीं हो पाई है। स्थानीय निवासियों ने मीडिया से बातचीत में बताया कि जिला अस्पताल पुलवामा में मरीजों का दबाव काफी बढ़ गया है, प्रतिदिन लगभग 2500 से 3000 मरीज अस्पताल का रुख करते हैं।
लोगों का कहना है कि सात वर्ष पूर्व सरकार ने मातृत्व अस्पताल की मांग को देखते हुए जमीन का चयन भी किया था, लेकिन किसी अज्ञात कारण से इस परियोजना को अधर में ही छोड़ दिया गया। उन्होंने सुझाव दिया कि कोविड अस्पताल की इमारत पर्याप्त जगह वाली है और उसे मातृत्व अस्पताल में तब्दील किया जाना चाहिए।
इस बीच पुलवामा के विधायक वहीद-उर-रेहमान पारा ने भी सरकार से जिला मुख्यालय पर मातृत्व अस्पताल स्थापित करने की मांग दोहराई है, ताकि स्थानीय महिलाओं को प्रसूति सेवाओं के लिए बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
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(Udaipur Kiran) / अश्वनी गुप्ता
