
– प्रत्येक जनजातीय वर्ग के व्यक्ति सिकल सेल एनीमिया की जांच अवश्य कराएं
इंदौर, 01 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल देश के पहले राज्यपाल हैं, जिन्होंने जनजातीय वर्ग के स्वास्थ्य की चिन्ता करते हुए सिकल सेल एनीमिया जैसे रोग को जड़ से खत्म करने के लिए अभियान शुरू किया हैं। सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन 2047 अभियान में राज्यपाल पटेल के नेतृत्व में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। सिकल सेल एनीमिया एक आनुवांशिक रोग हैं, जिसको जागरूकता से ही एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में फैलने से रोका जा सकता हैं।
राज्यपाल पटेल के निर्देश से प्रदेश के जनजातीय बाहुल्य जिलों की पेसा नियम लागू ग्राम सभाओं ने 2 अक्टूबर को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आयोजित ग्राम सभाओं में सिकल सेल एनीमिया रोग के प्रति जागरूकता के लिए ठहराव प्रस्ताव पारित होने जा रहे हैं। इसके लिए पंचायत राज संचालनालय मध्य प्रदेश से 20 जनजातीय बाहुल्य जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को पत्र जारी किये गये हैं। ग्राम सभा में सर्व सहमति से यह संकल्प लिया जाएगा कि प्रत्येक जनजातीय वर्ग के व्यक्ति (आयु समूह 0-40 वर्ष ) की सिकल सेल एनीमिया की जांच अवश्य कराएंगे। रिपार्ट पॉजिटिव आने पर रोगी के उपचार, औषधि, जेनेटिक काउंसलिंग, कार्ड वितरण, दिव्यागंता प्रमाण पत्र और रोग एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी से ना पहुंचे, इसलिए विवाह से पूर्व लड़के-लड़क़ी का कार्ड मिलाऩ कर ही विवाह का निर्णय लेंगे।
वर्तमान में प्रदेश में लगभग 1 करोड़ 21 लाख 40 हजार से ज़्यादा व्यक्तियों की जांच हो चुकी है। जांच में लगभग 2 लाख 22 हजार व्यक्ति वाहक एवं लगभग 32 हजार से अधिक सिकल सेल रोगी पाये गए। रिपोर्ट में वाहक संख्या 2 लाख से अधिक पाया जाना एक गम्भीर विषय हैं, क्योंकि वाहकों के आपस में विवाह करने से यह रोग आने वाली पीढ़ी को प्रभावित करता है। इसे रोकने के लिए जागरूकता ही एक उपाय है। ग्रामीण स्तर पर इस तरह के ठहराव प्रस्ताव पारित करना प्रदेश को सिकल सेल एनीमिया रोग से मुक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
(Udaipur Kiran) तोमर
