Maharashtra

त्योहारी सीजन में मिलावट रोकने के लिए चलाया जा रहा विशेष निरीक्षण अभियान : नरहरि जिरवाल

मुंबई, 01 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री नरहरि जिरवाल ने मुंबई में बताया कि त्योहारी सीजन में खाद्य पदार्थों में संभावित मिलावट रोकने के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने विशेष निरीक्षण अभियान चलाया है। इसके तहत अब तक 1,594 खाद्य संयंत्रों का निरीक्षण किया गया है और 2,369 खाद्य नमूने परीक्षण के लिए लिए गए हैं।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री नरहरि जिरवाल ने बुधवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि इस निरीक्षण अभियान में दूध, कावा, घी, खाद्य तेल, मिठाइयां, सूखे मेवे और चॉकलेट जैसे खाद्य पदार्थों के नमूने लिए गए हैं। अब तक 554 नमूनों की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। इनमें से 513 नमूने प्रमाणित पाए गए, 26 निम्न गुणवत्ता के पाए गए, 4 में लेबल संबंधी खामियां थीं और 11 नमूने असुरक्षित पाए गए। शेष 1,815 नमूनों की रिपोर्ट अभी लंबित हैं। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने 2022 से लंबित 200 से अधिक सहायक आयुक्त (खाद्य) और खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली है। इसके साथ ही, खाद्य एवं औषधि प्रशासन को और मजबूत बनाने के लिए 750 नए पदों के सृजन का प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रस्तुत किया जा रहा है।

राज्य में खाद्य नमूनों का समय पर विश्लेषण करने के लिए प्रयोगशालाओं को मजबूत किया जा रहा है। नागपुर, छत्रपति संभाजीनगर और पुणे में नई प्रयोगशालाओं का निर्माण पूरा हो चुका है और जल्द ही इन प्रयोगशालाओं का उद्घाटन किया जाएगा। इन प्रयोगशालाओं को प्रभावी ढंग से चलाने के लिए 250 नए पदों का प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रस्तुत किया जा रहा है। उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार ने प्रयोगशालाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए 200 करोड़ रुपये के कोष को मंजूरी दी है।

मंत्री नरहरि जिरवाल ने कहा कि हाफकिन इंस्टीट्यूट फॉर ट्रेनिंग रिसर्च एंड टेस्टिंग में पोलियो वैक्सीन के उत्पादन के लिए 25 करोड़ रुपये का कोष स्वीकृत किया गया है, जबकि सर्पदंश के टीके के उत्पादन के लिए बजट में 1 करोड़ 50 लाख रुपये का कोष आवंटित किया गया है। उन्होंने बताया कि ज़रूरत के हिसाब से इसमें बढ़ोतरी की जाएगी। साथ ही, डॉ. माशेलकर समिति की सिफ़ारिशों के अनुसार तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इसमें चिकित्सा शिक्षा, वित्तीय योजना और जन स्वास्थ्य विभाग के सचिव शामिल हैं। दूध में मिलावट रोकने के लिए निरीक्षण अभियान को और व्यापक बनाने की बात कहते हुए, मंत्री नरहरि जिरवाल ने कहा कि जीएसटी में कमी के कारण दवाओं की कीमतों में कमी आई है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में यह भी कहा कि जो दवा विक्रेता कम कीमत पर दवाएँ नहीं बेचेंगे, उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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(Udaipur Kiran) यादव

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