
वर्ष 2014 में मासूम बच्चियों के साथ बलात्कार व हत्या की घटनाओं को लेकर 2016 में किया था प्रदर्शन
गुरुग्राम, 1 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । साल 2014 से गुरुग्राम में एक ही पैटर्न से हो रही मासूम बच्चियों के साथ बलात्कार व हत्या की घटनाओं को लेकर वर्ष 2016 में पीडि़त परिजनों व सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए प्रदर्शन और उस दौरान दर्ज हुए केस में बुधवार को अहम फैसला आया है। अदालत की ओर से इस केस के सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है।
बता दें कि बच्चियों से बलात्कार की घटनाओं के विरोध में 16 दिसंबर 2016 में लोगों ने गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर कार्यालय पर जाने का प्रयास किया था। जिन्हें फव्वारा चौक पर ही पुलिस द्वारा रोक दिया गया था। करीब एक हजार लोगों की भीड़ ने पूरा चौक जाम कर दिया था। जिसके कारण पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था। जिसमे पुलिस से झड़प में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे।
इस प्रदर्शन में पुलिस ने नौ सामाजिक कार्यकर्ताओं ऋतुराज, राजीव मित्तल, संजय ठकराल, सत्य प्रताप, कुमार धनराज, सोनिया, माही शर्मा, राजबाला, सुषमा त्यागी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। वर्ष 2018 में पुलिस ने एक अन्य बच्ची के बलात्कार केस में सुनील नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था, जिससे पता चला कि हर घटना के समय सुनील ही वहां मौजूद था। देशभर में तब तक 14 बच्चियों से बलात्कार और हत्या की घटनाओं को अंजाम दे चुका है। गुरुग्राम में हुई घटनाओं में पीडि़त पक्ष की वकील डॉ. अंजू रावत नेगी ने गुरुग्राम कोर्ट से एक केस में फांसी की सजा दिलवाई थी और एक केस में उम्र कैद की सजा हुई थी। फांसी की सजा की हाई कोर्ट ने बरकार रखा था, किंतु 15 दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी की सजा को होल्ड पर डाल दिया। सुप्रीमकोर्ट ने गुरुग्राम कोर्ट व पुलिस से इस बाबत रिपोर्ट मांगी है।
बच्चियों के इंसाफ के लिए सडक़ पर लड़ाई लड़ रहे सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं को नौ साल बाद बुधवार को कोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया। सामाजिक कार्यकर्ताओं की वकील सीमा शर्मा ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत न होने के कारण कोर्ट ने सभी को बरी कर दिया है। जिस व्यक्ति ने 14 बच्चियों की हत्या की ऐसे व्यक्ति की सजा पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाना कहीं न कहीं दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रदर्शन केस में कुल नौ आरोपी थे, एक आरोपी कुमार धनराज की मृत्यु हो गई थी। बाकी बचे सभी 8 आरोपियों को बुधवार को गुरुग्राम कोर्ट ने बरी कर दिया है।
(Udaipur Kiran)
