
जोधपुर, 01 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । शहर में बुधवार सुबह एक ही प्लेटफॉर्म पांच नंबर पर दो वंदे भारत खड़ी होने से यात्री गलत ट्रेन में बैठ गए। बताया गया है कि इसमें नौ यात्री ऐसे थे, जो दिल्ली जाने की जगह साबरमती वंदे भारत में सवार हो गए। जब तक उन्हें पता चला कि वे गलत ट्रेन में बैठ गए, तब तक दिल्ली की ट्रेन निकल चुकी थी। रेलवे प्रशासन ने प्रभावित यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए वैकल्पिक इंतजाम किया। उन्हें सालासर-दिल्ली, मरुधर एक्सप्रेस और रानीखेत एक्सप्रेस से उसी वंदे भारत के टिकट पर दिल्ली भेजा गया।
रेलवे प्रवक्ता ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि दरअसल जोधपुर रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म की कमी है। आज प्लेटफॉर्म नंबर पांच पर दोनों वंदे भारत खड़ी थी। हालांकि इन दोनों के बीच दूरी भी थी। इनमें दिल्ली कैंट जाने वाली केसरिया कलर की ट्रेन राइकाबाग की तरफ और साबरमती जाने वाली सफेद कलर की वंदे भारत भगत की कोठी की तरफ जाने के लिए खड़ी थी। रेलवे की ओर से लगातार अनाउंटमेंट कर जानकारी भी दी जा रही थी। प्लेटफॉर्म पर ड्यूटी दे रहा स्टाफ भी यात्रियों को इस बारे में बता रहा था। फिर भी कई यात्री जल्दबाजी में ट्रेन नंबर, डिस्प्ले बोर्ड और अनाउंटमेंट पर ध्यान नहीं दिया। जो ट्रेन सामने दिखी, उसमें बैठ हो गए।
जोधपुर रेलवे स्टेशन से साबरमती ट्रेन में सवार हुए यात्रियों को जब तक अपनी गलती का एहसास हुआ, तब तक ट्रेन पाली-मारवाड़ जंक्शन तक पहुंच गई। इसके बाद ट्रेन स्टाफ ने रेलवे प्रशासन को सूचना देकर उन यात्रियों को नीचे उतारकर दूसरी ट्रेन से जोधपुर भेजा। यहां से उन लोगों को तीन अलग-अलग ट्रेन से दिल्ली के लिए रवाना किया गया।
रेलवे प्रशासन के अनुसार दिल्ली कैंट के लिए जाने वाली ट्रेन की रवानगी का समय सुबह 5.25 बजे है, जबकि साबरमती वंदे भारत का सुबह 6.05 बजे का है। गलत ट्रेन में चढऩे वाले यात्रियों ने संभवत: ट्रेन के अंदर लगे डिस्प्ले बोर्ड पर भी ध्यान नहीं दिया और न ही ट्रेन के रंग पर। इसी वजह से उन्हें स्टाफ और अन्य यात्रियों से बातचीत में इसका पता चला, लेकिन तब तक ये ट्रेन काफी आगे पहुंच चुकी थी।
रेलवे प्रवक्ता ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि आगे ऐसी स्थिति न बने, इसके लिए गुरुवार से दोनों वंदे भारत ट्रेनों के प्लेटफॉर्म बदल दिए जाएंगे। यह निर्णय यात्रियों को होने वाली भ्रम की स्थिति को रोकने के लिए लिया गया है। रेलवे अधिकारी इस बात की जांच भी कर रहे हैं कि प्लेटफॉर्म पर संकेतक बोर्ड, घोषणाएं और स्टाफ की व्यवस्था थी, ऐसे में गलती हुई, इसके सुधार के लिए क्या कदम उठाने चाहिए।
(Udaipur Kiran) / सतीश
