
पटना, 1 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । बिहार में सम्पन्न हुई मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य पर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन औवेसी ने सवाल खड़े किए हैं।
उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में एक लिखा कि बिहार की हकीकत! राजनीतिक दलों, खासकर भाजपा को धर्म के आधार पर मतदाताओं को परेशान करने और उन्हें हटाने का मौका मिलेगा। आज के भारत में, गरीब मुसलमानों और दलितों के पास केवल एक ही साधन है, वोट देने का उनका अधिकार। भाजपा उन्हें उत्पीड़न के खिलाफ असहाय बनाना चाहती है।
असदुद्दीन औवेसी के इस बयान पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य लोकतांत्रिक पद्धति से हो रही है। यह एक स्वस्थ लोकतंत्र की तरह बढ़ा हुआ एक बड़ा कदम है। उन्होंने इसे चुनाव प्रक्रिया में सुधार के लिए उठाया गया एक बड़ा कदम बताते हुए कहा कि ओवैसी साहब के लिए यह धर्म से जुड़ा कोई मुद्दा हो सकता है, लेकन हमारे लिए तो यह सिर्फ इतना है कि किस तरीके से हम अपनी लोकतांत्रिक पद्धति को चुनाव की प्रक्रिया को बेहतर बनाए। उन्होंने कहा कि आप विपक्ष के बड़े नेता से पूछे उनके नाम हैं या कट गए।
उन्होंने कहा कि इस तरह जनता को गुमराह करना बंद करें। हमारे लिए घुसपैथिए एक मुद्दा जरूर है। आप घुसपैथियों को बचाने की बात कर रहे हैं हम घुसपैठियों को निकालने की बात कर रहे हैं। जो भी लोकतांत्रिक पद्धति में शामिल नहीं हो सकता है हम उन व्यक्तियों को निकालने की बात कर रहे हैं। लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करना हम अपनी जिम्मेदारी समझते हैं।
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(Udaipur Kiran) / सुरभित दत्त
