Jharkhand

डीएमएफटी फंड निकालने के लिए हरियाणा की कंपनी ने शिक्षा विभाग में लगा दिया फर्जी सर्टिफिकेट

कंपनी का फाइल फोटो

डीईओ ने धूरिना वेंचर्स की प्रतिनिधि कौशेन परवेज और स्मृति पर दर्ज की प्राथमिकी

रामगढ़, 30 सितंबर (Udaipur Kiran News) ।

रामगढ़ जिले के शिक्षा विभाग में जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी .)स्कीम का पैसा निकालने के लिए मेसर्स धूरिना वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधियों ने फर्जी सर्टिफिकेट लगा दिया। यह मामला तब उजागर हुआ जब वह छात्र सामने आया जिसने धूरिना वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड में पढ़ाई नहीं करने का दावा किया। फर्जीवाड़ा जब सामने आया तो शिक्षा विभाग ने सबसे पहले कंपनी को अपना निशाना बनाया। डीईओ नीलम कुमारी ने हरियाणा की कंपनी मेसर्स धूरिना वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि कौशेन परवेज और स्मृति को इस मामले में आरोपित बनाया है।

रामगढ़ थाने में कंपनी के खिलाफ दर्ज हुई प्राथमिकी

रामगढ़ थाने में जिला शिक्षा पदाधिकारी नीलम कुमारी द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में कहा गया है कि वर्ष 2023 में जेईई और एनईईटी के लिए 100 छात्रों का नामांकन कोचिंग में कराया गया था। कोचिंग सेंटर में अध्यनरत छात्र-छात्राओं में से कम से कम 10 प्रतिशत छात्राओं का जेईई और एनईईटी प्रतियोगिता परीक्षा में अंतिम रूप से सफल होना अनिवार्य था। तभी स्वीकृत राशि का भुगतान किया जाना था।

उदित्य राज पांडे ने कहा मेरा कंपनी से नहीं है सरोकार

डीडीसी कार्यालय के माध्यम से आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष सुंदरम की ओर से उदित्य राज पांडे का एक शपथ पत्र भेजा गया। इसमें छात्र की ओर से में धूरिना वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड में नामांकन से इनकार करने का आरोप लगाया गया है। इसके अलावा सुभाष सुंदरम की ओर से कई संगीन आरोप भी संस्था पर लगाए गए हैं, जिसकी विभागीय जांच हो रही है। उदित्य राज पांडे के पिता संजय कुमार पांडे ने विभाग को बताया कि उनके पुत्र का इस संस्थान से कभी भी कोई संबंध नहीं रहा है। यह छात्र चितरपुर प्रखंड के राज बल्लभ प्लस टू उच्च विद्यालय, सांडी चितरपुर में अध्यनरत था। विद्यालय प्रधान की ओर से भी लिखित रूप से छात्र के इस संस्था में नामांकन से इनकार किया गया।

कंपनी ने शिक्षा विभाग को किया गुमराह

डीईओ के अनुसार उदित्य राज पांडे के इस संस्थान में अध्यनरत दिखाते हुए जेईई 2024 में उतिर्ण होने वाले संबंधित गलत सूचना मेसर्स धूरिना वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा शिक्षा विभाग को दी गई। कंपनी ने 10प्रतिशत राशि निकासी के लिए गलत कागजात प्रस्तुत किया इससे स्पष्ट है कि इस कृत्य से शेषनाग छात्रों का रिजल्ट भी संदेह के घेरे में है। संस्थान की ओर से कार्यालय को दिए गए छात्रों उपस्थिति पंजी में भी आदित्य राज पांडे का नाम शामिल था इससे स्पष्ट होता है कि उनके जरिये दस्तावेज में जानबूझकर छेड़छाड़ कर कार्यालय को गुमराह किया गया।

डीएमएफटी फंड का कंपनी ने जमा किया यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट

कंपनी के प्रतिनिधि स्मृति ने मंगलवार को बताया कि 47 लाख रुपये का फंड डीएमएफटी से उन्हें जारी किया गया था। 100 बच्चों को उन्होंने एक साल तक रामगढ़ में ही पढ़ाई कराई। उनका नामांकन भी गांधी स्कूल में परीक्षा लेने के बाद ही हुआ था। पूरे फंड का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट जमा किया गया है। इसके बाद भी विभाग की ओर से जिस जगह पर जिस तरह से मांग की गई, उसे पूरा किया गया। 11वीं के बच्चे की पढ़ाई की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन उन्होंने 12वीं के बच्चों को भी शिक्षा दी। जब भी उन्हें पेमेंट जारी किया गया है, उसकी पूरी जांच भी हुई है। विभाग में उनका पेमेंट लगभग 8 से 9 महीने तक पड़ा था। पूरे दस्तावेजों की जांच के बाद ही विभाग ने उन्हें भुगतान किया है।

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(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश

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