
नई दिल्ली, 30 सितंबर (Udaipur Kiran News) । राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश दक्षिण अफ्रीका के पश्चिमी केप के क्लेनमंड में 1 से 3 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले 11वें जी-20 संसदीय अध्यक्षों के शिखर सम्मेलन में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
इस दौरान हरिवंश वैश्विक सहयोग और संपोषणीय विकास के बारे में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाने के लिए प्रमुख विचार-विमर्शों में भाग लेंगे। वे दो विषयों ‘आपदा प्रतिरोधक क्षमता और अनुक्रिया का सुदृढीकरण’ तथा ‘न्यायसंगत ऊर्जा संक्रमण के लिए वित्तीय संसाधन जुटाना’ वाले सत्रों में अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।
राज्यसभा सचिवालय की ओर से मंगलवार को जारी बयान के अनुसार इन चर्चाओं में जलवायु अनुकूलन संबंधी उपायों को बेहतर बनाने और आपदा प्रबंधन में सुधार के लिए संस्थागत कार्रवाई पर भारत के नीतिगत दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला जाएगा। इसके अतिरिक्त वे ‘संपोषणीय विकास के लिए महत्वपूर्ण खनिजों का दोहन करने’ विषय पर संबंधी सत्र की अध्यक्षता करेंगे। सम्मेलन के अलावा उपसभापति जर्मनी, इटली और अन्य देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। ये विचार विनिमय अंतर-संसदीय सहयोग को सुदृढ़ करने, लोकतांत्रिक साझेदारियों को प्रगाढ़ बनाने और वैश्विक दक्षिण की एक सशक्त आवाज के रूप में भारत की भूमिका को सुदृढ़ करने पर केंद्रित होंगे। हरिवंश के साथ राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी भी होंगे।
उल्लेखनीय है कि
दक्षिण अफ्रीका जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाला पहला अफ्रीकी देश है। इसने जी20 की अपनी अध्यक्षता के दौरान ‘एकजुटता, समानता और संपोषणीयता’ के विषय पर बल दिया है। अध्यक्षों के शिखर सम्मेलन के दौरान, चार कार्यकारी सत्र होंगे जिनमें आपदा प्रतिरोधक क्षमता, ऊर्जा संक्रमण, निम्न-आय वाले देशों के लिए ऋण उपलब्धता और संपोषणीय विकास के लिए महत्वपूर्ण खनिजों का दोहन शामिल है।
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी
