Uttar Pradesh

सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने में डिजिटल साक्षरता मददगार : प्रो. सत्यकाम

वेबिनार में कुलपति सहित अन्य वक्ता

-प्रधानमंत्री के जन्मोत्सव पखवाड़े पर मुक्त विवि में वेबिनार का आयोजन

प्रयागराज, 30 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के विज्ञान विद्या शाखा के तत्वावधान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मोत्सव पखवाड़े के अतर्गत ‘डिजिटल इंडिया : सतत विकास की सम्भावनाएं’ विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। कुलपति प्रो. सत्यकाम ने कहा कि सतत विकास के लिए डिजिटल इंडिया की महत्ता आज प्रदर्शित हो रही है। डिजिटल शिक्षा प्लेटफ़ॉर्म और ऑनलाइन कोर्स के माध्यम से लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और कौशल विकास के अवसर मिल रहे हैं, जो सतत विकास के लिए आवश्यक हैं। कुलपति ने कहा कि डिजिटल इंडिया पहल के माध्यम से देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में भी डिजिटल साक्षरता बढ़ रही है, जिससे लोगों को सरकारी सेवाओं और अवसरों का लाभ उठाने में मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया पहल न केवल आर्थिक विकास को मजबूत कर रही है, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय सातत्य को भी बढ़ावा दे रही है।

कार्यक्रम के विशिष्ट वक्ता राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रायपुर के प्रो. सुधाकर पांडेय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए डिजिटल इंडिया मिशन की परिवर्तनकारी भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि डिजिटल पहल शासन, उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, कृषि, उद्योग और वित्तीय समावेशन में क्रांति ला रही है। डिजिटल उपकरण और प्लेटफॉर्म संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने में सीधे योगदान करते हैं।

अतिथियों का स्वागत करते हुए विज्ञान विद्या शाखा के निदेशक प्रो. आशुतोष गुप्ता ने कहा कि डिजिटल इंडिया पहल सतत विकास के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। डिजिटल तकनीक के उपयोग से पेपरलेस कार्य को बढ़ावा मिल रहा है, जिससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिल रही है। इस अवसर पर प्रतिभागियों ने डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण पर विचार-विमर्श किया।

मुक्त विवि के पीआरओ डॉ. प्रभात चंद्र मिश्र ने बताया कि आयोजन सचिव डॉ. दिनेश कुमार गुप्ता एवं सह-आयोजन सचिव डॉ. राघवेंद्र सिंह ने ऑनलाइन जुड़े प्रतिभागियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का समापन प्रो. ए.के. मलिक के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। वेबिनार में विभिन्न संस्थानों के 50 से अधिक संकाय सदस्यों, शोध विद्वानों और छात्रों की सक्रिय भागीदारी रही।

(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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